पिछले कई सालों से कोरोना महामारी ने कोहराम मचा कर रखा हुआ हैं। जिसके कारण आम लोग सिर्फ पांबदियों में बंद कर रह गए हैं। इस महामारी का एकमात्र इलाज सिर्फ वैक्सीनेशन ही हैं। कई देशों में वैक्सीन अपनी चरम शिखर पर पहुंच चुका हैं। वैक्सीनेशन भारत में भी तैजी से चल रहा हैं। हांल ही में बच्चों की वैक्सीनेशन को भी मंजूरी दे दी गई हैं। अमेरिकी दवा निर्माता मॉडर्ना ने कहा कि वह खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से छह साल से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने के लिए अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण देने का अनुरोध करेगी।
कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षणों पर आधारित
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को एक बयान में मॉडर्ना के हवाले से कहा कि कंपनी एफडीए, साथ ही यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी और अन्य वैश्विक नियामकों को 'आने वाले हफ्तों में' अनुरोध प्रस्तुत करेगी।6 महीने से 2 साल से कम उम्र के बच्चों में और 2 साल से 6 साल से कम उम्र के बच्चों में सबमिशन इसके कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षणों पर आधारित था, जिसे एमआरएनए-1273 के रूप में जाना जाता है।
अध्ययन में 6 महीने से 2 साल के बच्चों में टीके की प्रभावकारिता
अंतरिम विश्लेषण ने कंपनी के अनुसार अनुकूल सुरक्षा प्रोफाइल के साथ 25 माइक्रोग्राम दो-खुराक प्राथमिक श्रृंखला एमआरएनए-1273 के बाद दोनों आयु समूहों में एक मजबूत तटस्थ एंटीबॉडी प्रतिक्रिया दिखाई।मॉडर्ना ने कहा कि अध्ययन में, 6 महीने से 2 साल की उम्र के बच्चों में टीके की प्रभावकारिता 43.7 प्रतिशत थी और 2 से 6 साल से कम आयु के बच्चों में 37.5 प्रतिशत थी।