बीजिंग: चीन के शियामेन शहर में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में हर तरह के आतंकवाद की निंदा हुई। इसमें पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया है, लेकिन उसकी जमीन से जो संगठन काम करते हैं, उनका साफतौर पर इसमें जिक्र किया गया है। यह भारत के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है। क्योंकि तमाम ब्रिक्स देशों की इस घोषणा पत्र में सहमति होती है। इस फायदा अन्य विदेशी मंचों पर भी फायदा होता है, जहां भारत ने दुनिया को बताया कि किस तरह पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस घोषणापत्र में कहा गया है कि कहीं भी किसी भी तरह और किसी का आतंकी हमला मंजूर नहीं। किसी भी तरह का आतंकवाद जायज नहीं। नाम लेकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान की निंदा की। इसमें अलकायदा, हक्कानी और आईएस की भी निंदा की गई। इस घोषणापत्र में कहा गया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को जवाबदेह ठहराना ज़रूरी है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय सहयोग ज़रूरी है और आतंकी संगठनों की वित्तीय मदद रोकी जाए।
विश्व में शांति के लिए एकजुट रहना जरूरी : पीएम मोदी
Our Central Banks must further strengthen their capabilities & promote co-operation between the Contingent Reserve Arrangement & the IMF pic.twitter.com/Xvg9ckCBDD
— ANI (@ANI) 4 September 2017
पीएम ने ब्रिक्स बैठक में बोलते हुए कहा कि सभी देशों में शांति के लिए ब्रिक्स देशों का एकजुट रहना जरूरी है । उन्होने कहा कि हमने अपने देश में काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है। हमारा लक्ष्य स्मार्ट सिटी, स्वास्थय, विकास, शिक्षा में सुधार लाना है। ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देना शुरू कर दिया है, जिसका सही उपयोग होना चाहिए। मोदी ने कहा कि हमारा देश युवा है यही हमारी ताकत है। हमने गरीबी से लड़ने के लिए सफाई का अभियान छेड़ा है। पीएम ने कहा कि ब्रिक्स की मजबूत पार्टनरशिप से ही विकास होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के पांचों देश अभी समान स्तर पर हैं। विश्व में शांति के लिए सहयोग जरूरी है। एकजुट रहने पर ही शांति और विकास होगा।
#WATCH Live: BRICS Plenary Session from Xiamen, China #BRICSSummit https://t.co/kzssIjVmSo
— ANI (@ANI) 4 September 2017
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि गोवा शिखर सम्मेलन से निकले रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए इस बैठक में कुछ सकारात्मक बातचीत होगी और बेहतर नतीजे आएंगे। इस बैठक से अलग पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी। ब्राज़ील के साथ भी आज ही द्विपक्षीय बातचीत होनी है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बातचीत होगी। जहां हाल के दिनों में दोनों देशों में तनाव के बीच रिश्ते बेहतर करने पर बात होगी।
दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में होने की संभावना है। जब करीब एक हफ्ते पहले भारत और चीन ने 73 दिन तक डोकलाम मुद्दे पर कायम रहे गतिरोध को सुलझाने की घोषणा की। इससे पहले चीन में पीएम का शानदार स्वागत किया। पीएम ने यहां रहने वाले भारतीयों के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की। ब्रिक्स की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मंगलवार को म्यांमार के तीन दिन पर रवाना हो जाएंगे।
इससे पूर्व चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को नौवें ब्रिक्स सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर शी चिनफिंग ने ब्रिक्स के सदस्य देशों से अपने मतभेद दूर करने, आपसी विश्वास और रणनीतिक संवाद बढ़ाकर एक-दूसरे की चिंताओं पर ध्यान देने को कहा। ब्रिक्स बिज़नेस फ़ोरम का उद्घाटन करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि सदस्य देशों को सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने के लिए एक समग्र रुख़ अपनाना चाहिए आतंकवाद की मूल वजहों का हल निकालना चाहिए।
चिनफिंग से मुलाकात पर सबकी निगाहे
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग मंगलवार को द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।
- दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में होने की संभावना है, जब करीब एक हफ्ते पहले भारत और चीन ने 73 दिन तक डोकलाम मुद्दे पर कायम रहे गतिरोध को सुलझाने की घोषणा की।
- अधिकारियों के मुताबिक, ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के नौवें शिखर सम्मेलन के इतर 5 सितंबर को दोनों नेता बैठक कर सकते हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की शुरुआत सोमवार को होगी।
- प्रधानमंत्री ने इस चीनी शहर के अपने दौरे के मद्देनजर कहा, ‘मैं गोवा शिखर सम्मेलन के नतीजों के आधार पर आगे बढ़ने को उत्सुक हूं। मैं रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति भी उत्सुक हूं जो चीन की अध्यक्षता में मजबूत ब्रिक्स भागीदारी के एजेंडा का समर्थन करेगा।’
- चीन के सहायक विदेश मंत्री कोंग शुआनु और चीन के भारत में राजदूत लुओ झाओहुई ने पीएम मोदी का स्वागत किया। मोदी शाम के समय जब वहां पहुंचे, तो उस समय बारिश हो रही थी. पीएम मोदी विंधम ग्रैंड होटल पहुंचे, जहां 50 स्थानीय लोग उनके स्वागत के लिए मौजूद थे।
- इस साल दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी द्विपक्षीय बैठक होगी। पिछली बैठक शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
- दोनों नेताओं की अनौपचारिक बैठक डोकलाम संकट के बीच जुलाई में जर्मनी में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी हुई थी।
- इसके अतिरिक्त मोदी के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर से मुलाकात की भी संभावना है। इस शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा भी भाग ले रहे हैं।
- चीन ने मिस्र, मैक्सिको, गिनी, थाइलैंड और ताजिकिस्तान को ‘ब्रिक्स प्लस’ कवायद के तहत इस शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है।
- पीएम मोदी मंगलवार सुबह एक कार्यक्रम ‘इमर्जिंग मार्केट्स एंड डेवलपिंग कंट्रीज’ के संवाद में भी भाग लेंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी म्यांमार जाएंगे।