यूक्रेन पर जारी रूसी हमले के बीच फिनलैंड के राष्ट्रपति और सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि उनका देश पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो की सदस्यता लेने का इच्छुक है। नॉर्डिक देश के इस ऐलान से 30 सदस्यीय नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है।
नाटों में सदस्य बनने का रास्ता हुआ साफ
राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और प्रधानमंत्री सना मारिन ने हेल्सिंकी में राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उम्मीद है कि फिनलैंड की संसद आने वाले दिनों में इस फैसले का समर्थन करेगी, यानी अब केवल औपचारिकता बाकी रह गई है।संसद से मंजूरी मिलने के बाद फिनलैंड की सरकार संभवत: अगले हफ्ते में ही औपचारिक सदस्यता का आवेदन ब्रुसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में जमा करेगी।
पुतिन ने फिनलैंड के बारे में ऐसा क्या बोला?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक फोन कॉल में फिनलैंड के अपने समकक्ष साउली निनिस्टो से कहा कि नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करना एक गलती है क्योंकि फिनलैंड की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार- शनिवार को निनिस्टो ने अगले कुछ दिनों में नाटो की सदस्यता लेने के फिनलैंड के फैसले के बारे में पुतिन को फोन पर सूचित किया।क्रेमलिन ने एक बयान में कहा- जवाब में, पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि सैन्य तटस्थता की पारंपरिक नीति को छोड़ना एक गलती होगी, क्योंकि फिनलैंड की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं हैपुतिन ने अपने बयान में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर हेलसिंकी नाटो में शामिल होने की योजना बनाता है, तो इसका रूस-फिनलैंड संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।