पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दो मित्र राष्ट्रों की मदद से अपनी रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास किया। इमरान ने दोनों देश के नाम का खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि उन्होंने मुझे केवल संदेश दिया, शरीफ की रिहाई के लिए दबाव नहीं बनाया। इमरान खान ने कहा, “उन्होंने मुझे कहा कि हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।”
इस दौरान उनके साथ वित्त सलाहकार हाफीज शेख और फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अध्यक्ष शब्बार जैदी मौजूद थे। भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद 69 वर्षीय नवाज शरीफ 24 दिसंबर 2018 से लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद हैं।
शरीफ और उनके परिवार ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले राजनीति से प्रेरित थे। शीर्ष अदालत ने मई में, उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। उसमें चिकित्सा आधार पर जमानत और उपचार के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी गई थी।
इमरान खान ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराए गए लोगों को तब तक बाहर नहीं जाने दिया जाएगा जब तक कि वह चोरी किया गया धन लौटा नहीं देते। उन्होंने कहा, “दलील की अनुमति दी जा सकती है और इस सिलसिले में कोई भी विदेशी देश कुछ नहीं कर सकता। उन्हें (शरीफ और जरदारी) धन का भुगतान करना होगा।” पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भ्रष्टाचार के मामलों में अपनी भूमिका के कारण नेशनल एकाउंटबिलीटी ब्यूरो (एनबीए) की हिरासत में हैं।