पाकिस्तान में सरकार ने राजनीतिक दलों से संबंधित पीपीओ नामक एक कानून में संशोधन किया है जिससे अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की दोबारा कमान संभाल उसका नेतृत्व कर सकेंगे। इस कानून से संबंधित चुनाव बिल-2017 को कल सीनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है।
इससे पहले पीपीओ के प्रावधान के अनुसार पनामागेट मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 जुलाई को अपने एक फैसले में नवाज शरीफ को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के अलावा (पीएमएल-एन) का अध्यक्ष पद भी छोडऩा पड़ा था। पाकिस्तान के समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल में चुनाव प्रक्रिया को संचालित करने वाले प्रावधानों को भी मजबूत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले में शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों के नाम का खुलासा होने के बाद से ही पाकिस्तान में विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद से शरीफ को हटाये जाने की मांग हो रही थी। शरीफ और उनके परिवार पर विदेश में संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाये गये थे।
इसके बाद पनामागेट मामले की जांच के लिए छह मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया था। तय समय सीमा के भीतर जेआईटी ने 10 जुलाई को यह रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। मामले की सुनवाई 21 जुलाई को पूरी हो गयी थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही संयुक्त जांच समिति (जेआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर 28 जुलाई को फैसला सुनाते हुए (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शरीफ और वित्त मंत्री इशाक डार को भी अयोज्ञ घोषित कर दिया था। शरीफ पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार से हैं।