नेपाल ने भारतीय रिजर्व बैंक से चलन में डाले गए 100 रुपये से ऊंचे मूल्य के नए भारतीय नोट को इस पड़ोसी देश में भी लेन देन के लिए वैध मुद्रा बनाने का अनुरोध किया है। रविवार को मीडिया की खबरों में इसकी जानकारी दी गयी।
दी हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार, नेपाल के केंद्रीय बैंक नेपाल राष्ट्र बैंक ने रिजर्व बैंक से 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नए भारतीय नोटों को नेपाल में वैध मुद्रा बनाने की मांग की है। नेपाल राष्ट्र बैंक ने इसके लिए आरबीआई से विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम के तहत अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने नेपाल में 100 रुपये और इससे कम के नोटों के चलन को ही कानूनी रूप से स्वीकार्य बनाया है। आरबीआई यहां केवल इन्हीं नोटों को नेपाली रुपये में बदलने की सुविधा देता है।
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नोटबंदी भारत में आठ नवंबर 2016 को 500 रुपये और एक हजार रुपये के पुराने नोट के बंद हो जाने से पहले रिजर्व बैंक ने एक फेमा अधिसूचना के जरिये नेपाली नागरिकों को 25 हजार रुपये मूल्य के बराबर भारतीय नोट रखने की छूट दी थी। नोटबंदी के बाद 200 रुपये, 500 रपुये और 2000 रुपये के नये नोट चलन में आये लेकिन रिजर्व बैंक ने इनके लिये फेमा अधिसूचना जारी नहीं की। इस कारण ये नोट नेपाल में वैध नहीं है।
नेपाल राष्ट्र बैंक में विदेशी विनिमय प्रबंधन विभाग के प्रमुख ने कहा, ‘‘चूंकि भारतीय रिजर्व बैंक बड़े भारतीय नोटों को नेपाल में चलन की स्वीकृति नहीं दे रहा है, हमें नेपाल के लोगों के हित को बचाने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि विभिन्न क्षेत्रों के लोगों विशेषकर बार-बार भारत जाने वाले लोगों से असुविधा की शिकायतें मिलने के बाद हमने रिजर्व बैंक से बड़े मूल्य के भारतीय नोटों को यहां वैध मुद्रा बनाने का अनुरोध किया है।’’ उन्होंने कहा कि इन नोटों का नेपाल में परिचालन पूरी तरह रिजर्व बैंक के ऊपर निर्भर करता है।