चीनी राजदूत के इशारे पर चल रही नेपाल की केपी ओली सरकार अब नेपाली जमीन पर ड्रैगन के कब्जे को झुठलाने में लग गई है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली ने कहा है कि चीन ने हुमला जिले में नेपाली जमीन पर कब्जा नहीं किया है। ज्ञवली ने यह भी दावा किया कि नेपाल और चीन के बीच में जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं है। उधर, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अलग से एक बयान जारी करके कहा कि चीन की ओर से बनाई बिल्डिंग नेपाली इलाके में नहीं बनी है।
इससे पहले नेपाल में चीनी राजदूत ने एक बयान जारी करके कहा था कि ये बिल्डिंग चीनी जमीन पर बनी हैं। चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि नेपाल और चीन के बीच कोई जमीनी विवाद नहीं है। चीनी दूतावास के इस बयान के बाद नेपाली विदेश मंत्री ने दावा किया कि सरकार की एक जांच कमिटी ने चार साल पहले की गई अपनी जांच में पाया था कि चीन ने अपनी सीमा में 1 किलोमीटर अंदर ये बिल्डिंग बनाई है। ये इमारतें चीनी सुरक्षा बलों के लिए बनाई गई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने ‘नेपाल की जमीन वापस लौटाओ’ और ‘चीन का विस्तारवाद बंद करो’ जैसे नारे लगाए। खबरों के अनुसार, चीन ने तिब्बत सीमा से लगे नेपाल के हुमला जिले में कथित रूप से 11 भवन बनाए हैं। यह विवादित इलाका हुमला जिले में नमखा ग्रामीण नगरपालिका के लंपचा गांव में आता है। खबरों में यह भी कहा गया है कि नेपाल-चीन सीमा का निर्धारण करने वाला पिलर नंबर-11 वहां नहीं है