बीतें कुछ सालों से दुनियाभर में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ गई है और 2020 में तो इन घटनाओ में बढ़ोतरी देखने को मिली है चक्रवाती तूफ़ान, बाढ़, भूकंप जैसी घटनाएं इस बात का संकेत दे रही है कि सभी देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अभी से कदम उठाने की आवश्यकता है इस सम्बन्ध में न्यूज़ीलैंड ने अपना अगला कदम उठा दिया है जानकारी के लिए आपको बता दें कि जलवायु परिवर्तन के संकट को देखते हुए न्यूजीलैंड ने बुधवार को जलवायु आपातकाल की घोषणा का ‘प्रतीकात्मक’ कदम उठाया। जलवायु आपातकाल की घोषणा के इस प्रस्ताव के पक्ष में 76 जबकि विपक्ष में 43 सांसदों ने मतदान किया।
इसके साथ ही सरकार ने एक नयी पहल की शुरुआत की जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कई एजेंसियों को 2025 तक कार्बन के उत्सर्जन में कटौती करनी होगी। PM जेसिंडा अर्डन ने कहा कि सरकार आम तौर पर प्राकृतिक आपदाओं के लिए आपातकाल की घोषणा करती है लेकिन अगर हम जलवायु परिवर्तन पर ध्यान नहीं देंगे तो इस प्रकार की आपदाएं सामने आती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि यह घोषणा कर हम उस बोझ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों पर पड़ने वाला है। यह उस देश के लिए है जिसमें आगामी पीढ़ियां जन्म लेने वाली हैं और यह उस कर्ज के बारे में है जो उन पर पड़ेगा अगर हम इस मुद्दे पर अभी कदम नहीं उठाएंगे।