इस वर्ष का रसायन का नोबेल पुरस्कार दो महिला वैज्ञानिकों, इमैनुएल कारपेंतिए और जेनिफर ए डौडना को ‘जिनोम एडिटिंग’ के लिए संयुक्त रूप से दिया जायेगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बुधवार को एक बयान जारी करके कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने जीन टेक्नोलॉजी के लिए अहम टूल सीआरआईएसपीआर-सीएएस9 विकसित किया है।इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।
रसायन के नोबेल समिति के अध्यक्ष सी गस्टाफ्सन ने कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने जेनेटिक सीजर की अहम खोज की है। इसके जरिए जानवरों, पौधों, माइक्रोऑर्गेनिज्म के डीएनए में बदलाव करके गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा।
गस्टाफ्सन ने कहा,‘‘ इससे जानवरों, पौधों और सूक्ष्म जीवों तक के डीएनए में बदलाव किए जा सकेंगे। इससे कैंसर समेत कई गंभीर और आनुवांशिक बीमारियों का इलाज हो सकेगा।’’ रसायन के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली कारपेंतिए और डौडना क्रमश: पांचवी और छठी महिला वैज्ञानिक हैं।
वर्ष 1901 से 2019 तक कुल 112 वैज्ञानिकों को रसायन के नोबेल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। कारपेंतिए बर्लिन स्थित मैक्स प्लांक यूनिट फॉर साइंस ऑफ पेथोजंस की निदेशक हैं और सुश्री डौडना यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में कार्यरत हैं।