उत्तर कोरिया एक परमाणु हथियार उत्पन्न करने वाला देश है जिसने भारी मात्रा में कई सारे परमाणु परिक्षण को सफल किया है हालांकि, उत्तर कोरिया के राष्टपति किम जोंग उन ने चुनाव से चार दिन पहले ही पूर्वी सागर मे एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। जिससे यह देखा जा सकता है कि उत्तर कोरिया अपनी इन्ही हरकतों से दूसरे देशों में बदनाम हो गया है लेकिन इन सब बातों से उत्तर कोरिया कोई भी फर्क नहीं पड़ता हैं।
उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर रखी गई नजर
इस संबंध में दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि राजधानी प्योंगयांग में सुनन क्षेत्र के आसपास से मिसाइल लॉंच करने का का पता चला और मिसाइल ने 560 किमी की ऊंचाई पर 270 किमी के आसपास उड़न भरी। ज्वाइंट स्टाफ ने कहा, ‘‘वर्तमान में हमारी सेना एक अतिरिक्त प्रक्षेपण की संभावना के संबंध में (उत्तर कोरियाई) गतिविधियों पर नजर रख रही है और उसकी निगरानी कर रही है।
उत्तर कोरिया अपनी सैन्य ताकत को कर रहा है मजबूत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया ने नौवीं बार प्रक्षेपण किया है। योनहाप ने पर्यवेक्षकों के हवाले से कहा कि जब यूक्रेन में चल रहे सशस्त्र संघर्ष पर पूरी दुनिया की नजर है, तब उत्तर कोरिया लगातार अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत करने का संकेत दे रहा है।अमेरिका ने भी उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा की है और उत्तर कोरिया से आगे अस्थिर करने वाले कृत्यों से दूर रहने का आह्वान किया है।
इंडो-पैसिफिक कमांड ने दिया बयान
जानकारी के मुताबिक, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम उत्तर के बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च से अवगत हैं और दक्षिण कोरिया और जापान के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर परामर्श कर रहे हैं।हालांकि यह घटना अमेरिकी कर्मियों, क्षेत्र या हमारे सहयोगियों के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करती है, हम स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता है।
एकजुटता को मजबूत करने की मांग की
हालांकि, इस वर्ष की शुरुआत के बाद से उत्तर कोरिया ने मिसाइलों का एक बैराज (एक विस्तृत क्षेत्र पर केंद्रित तोपखाने की बमबारी।) लॉन्च किया है, जिसमें स्व-घोषित हाइपरसोनिक मिसाइल भी शामिल है।वहीं, शनिवार को प्रक्षेपण उस समय हुआ जब प्योंगयांग ने वाशिंगटन के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध और कोविड -19 महामारी से आर्थिक संकट के बीच आंतरिक एकजुटता को मजबूत करने की मांग की।