तोक्यो : उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि अगर प्योगयांग पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वाशिंगटन के प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने आज सुबह एक बयान जारी किया कि वह अमेरिका के कदमों पर नजर रख रहा है। उसने चेतावनी दी कि वह खुद जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार और इच्छुक है।
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा नए प्रतिबंध लगाने के लिए वोट की अपील की है। अमेरिका ने पिछले मंगलवार को उथर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव वितरित किया था। इसमें उत्तर कोरिया के तेल और प्राकृतिक गैस के निर्यात पर प्रतिबंध के साथ-साथ उत्तर कोरियाई सरकार और उसके नेता किम जोंग उन की सभी विदेशी वित्तीय संपत्तियों को जब्त करने की मांग की गई है।
सुरक्षा परिषद के राजनयिकों ने बताया कि अमेरिका और चीन के बीच मसौदे पर रविवार देर रात तक चर्चा चली। राजनयिक सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर बात करने के लिए अधिकृत नहीं थे। बयान में कहा गया है कि अमेरिका उत्तर कोरिया के अपनी रक्षा के लिए उठाए गए वैध कदमों को बहाना बनाकर उसका दम घोटना चाहता है।
उत्तर कोरिया ने बनाया हाइड्रोजन बम
अभी हाल ही में उत्तर कोरिया ने एक हाइड्रोजन बम बनाया था जिसे देश की नई अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से दागा जा सकता है। आधिकारिक कोरियन सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने यह दावा किया है। इस बात को लेकर सवाल बना हुआ था कि क्या परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया हाइड्रोजन बम बनाने पर काम कर रहा है लेकिन आधिकारिक कोरियन सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी ने आज कहा कि उसके नेता किम जोंग उन ने न्यूक्लियर वेपंस इंस्टीट्यूट में ऐसे उपकरण का निरीक्षण किया था।
जनवरी 2016 में चौथे परमाणु परीक्षण के बाद उसने दावा किया था कि यह उपकरण छोटा हाइड्रोजन बम है जिसमें अन्य परमाणु हथियारों के मुकाबले अधिक शक्तिशाली होने की क्षमता है। लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा कि हासिल की गई छह किलोटन ऊर्जा थर्माेन्यूक्लियर हथियार के लिए आवश्यक ऊर्जा से बहुत कम है।