नेपाल के सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के प्रतिद्वंद्वी धड़े ने पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ नीत सीपीएन-एमसी के साथ विलय से पहले पार्टी की विभिन्न समितियों को बहाल करने की प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की पेशकश को खारिज कर दिया। इसके साथ ही प्रतिद्वंद्वी धड़े ने पार्टी को एकजुट रखने की प्रधानमंत्री की मंशा पर भी सवाल उठाया।
एक रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नेताओं माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल नीत प्रतिद्वंद्वी गुट ने कहा कि ओली द्वारा पेश किए गए छह सूत्री प्रस्ताव की मंशा उनके धड़े को विभाजित करना और कम्युनिस्ट आंदोलन को नए तरीके से आगे बढ़ाने के उनके प्रयास में देरी करना है। ओली नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष भी हैं।
नेपाल-खनल गुट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसे यह प्रस्ताव अस्वीकार्य है और इस तरह का प्रस्ताव पार्टी की एकता को कायम रखने के इरादे से नहीं आया है। वर्ष 2017 के आम चुनावों में अपने गठबंधन की जीत के बाद दोनों दलों सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-एमसी- ने मई 2018 में अपना विलय कर लिया था और एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएनसीपी) का गठन किया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने मार्च में दोनों दलों के विलय के बाद गठित नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को अमान्य ठहराया दिया था और उसके बाद सीपीएन-यूएमएल को बहाल किया गया था। एक खबर के अनुसार, इस धड़े के एक नेता बेदुराम भुसाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि दोनों दलों के विलय से पहले मौजूद पार्टी समितियों और ढांचों को बहाल किया जाएगा।
भुसाल ने कहा, उन्होंने ‘अधिकतर’ शब्द का इस्तेमाल किया है, जिसका अर्थ है कि वह उन सभी समितियों और ढांचों को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं, जो विलय से पहले मौजूद थे।’’ रविवार को, ओली ने दोनों दलों के विलय से पहले मौजूद सभी पार्टी समितियों को बहाल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी थी।