कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर है। इसी बीच स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं पहला व्यक्ति बनूंगा जिसे मानहानि के मामले में सबसे बड़ी सजा मिलेगी और लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ेगी। राहुल ने आगे कहा कि लेकिन राजनीतिक तौर पर इससे मुझे ज्यादा बड़ा मौका मिला है।
इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत में समूचा विपक्ष संघर्ष कर रहा है।संस्थाओं पर कब्जा है। लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं।इसीलिए कुछ महीनों पहले हमने पूरे भारत में यात्रा करने की सोची।
राहुल गांधी कैलिफोर्निया की प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचे
दरअसल, राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं। यहां तीन शहरों में उनका कार्यक्रम है।इसी क्रम में वे बुधवार को कैलिफोर्निया की प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय के छात्रों से बात की और उनके सवालों के जवाब भी दिए। राहुल गांधी ने कहा, साल 2000 में जब उन्होंने राजनीति ज्वाइन की थी, तो नहीं सोचा था कि इस स्थिति से गुजरेंगे। जो राजनीति में आने के समय सोचा था और आज जो चल रहा है, वह एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। संसद सदस्यता के जाने का जिक्र करते हुए कहा, उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ संभव है। उन्होंने आगे कहा, लेकिन मुझे लगता है कि इसने मुझे लगता है कि इसने मुझे बड़ा अवसर दिया है। शायद जो अवसर मेरे पास होता, उससे बहुत बड़ा है। राजनीति इसी तरह काम करती है।
अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी
दरअसल, इसी साल में मार्च में सूरत कोर्ट से आपराधिक मानहानि मामले में 2 साल की सजा के बाद सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी।इसके बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया था। राहुल गांधी ने सजा को सत्र न्यायालय में चुनौती दी है।