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जयशंकर की टिप्पणी पर चीन ने कहा: अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए साझा प्रयासों की आवश्यकता

चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बीजिंग और नयी दिल्ली के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए साझा प्रयासों की जरूरत है

चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बीजिंग और नयी दिल्ली के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए साझा प्रयासों की जरूरत है तथा उनका देश सीमा गतिरोध दूर करने के लिए कटिबद्ध है, लेकिन वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने (भारतीय) विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। 
जयशंकर ने कहा था कि चीन ने भारत को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी तादाद में सैन्यबल की तैनाती के लिए ‘पांच भिन्न स्पष्टीकरण’ दिए हैं और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन ने आपसी संबंधों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बुधवार को ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लॉवी इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाद सत्र में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सात महीने से जारी सैन्य गतिरोध के आलोक में यह बात कही थी। 
हुआ ने यहां चीनी विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘ चीन और भारत पड़ोसी हैं तथा दुनिया के दो सबसे बड़े उभरते बाजार हैं, ऐसे में अच्छे संबंध बनाए रखने से दोनों देशों एवं उनके लोगों के बुनियादी हितों की पूर्ति होती है, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों के बीच रास्ते में मिलने के लिए साझा प्रयासों की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भारत-चीन सीमा पर जो भी कुछ गलत और सही हुआ, वह बहुत स्पष्ट है और जिम्मेदारी पूरी तरह भारत के कंधों पर है। चीन वार्ता के माध्यम से सीमा मुद्दे का समाधान तथा सीमावर्ती क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के लिए कटिबद्ध है।’’ 
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके साथ ही , ‘‘चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम आशा करते हैं कि भारत इसी दिशा में काम करेगा तथा एकजुटता, सहयोग और साझे विकास के लिए अनुकूल और कदम उठाएगा।’ सीमा पर वर्तमान गतिरोध दूर करने के लिए जरूरी साझे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताने को कहे जाने पर हुआ ने दावा किया कि चीन ने भारत के साथ की गयी संधियों का कड़ाई से पालन किया है।’’ 
चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर अद्यतन किए गए बयान में उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन साथ ही, किसी भी संप्रभु देश की भांति अपनी संप्रभुता की रक्षा करने का चीन का संकल्प अटल है। दरअसल यह भारत है, जिसे इस बात पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है कि आखिर क्यों उसे वर्तमान स्थिति से दो-चार होना पड़ा।’’ 
उन्होंने कहा कि फिलहाल भले ही चीन-भारत संबंधों में चुनौतियां हैं, लेकिन भारत के संदर्भ में चीन का रुख एवं नीति नहीं बदली है।’’ हुआ ने कहा कि चीन मानता है कि अच्छा संबंध बनाये रखना दोनों देशों और उनकी जनता के बुनियादी हित में है क्योंकि दोनों बड़े देश एवं उभरते बाजार हैं एवं उनकी जनसंख्या एक-एक अरब है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को बनाये रखने और उसे आगे ले जाने के लिए चीन सीमावर्ती क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के लिए कटिबद्ध हैं। 
उन्होंने कहा, ‘‘सीमा मुद्दे जैसे इतिहास से मिले मुद्दों के संबंध में चीन ने हमेशा से शांतिपूर्ण एवं दोस्ताना संवाद से न्यायसंगत और तर्कसंगत समाधान ढूढने की वकालत की है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो और साथ ही द्विपक्षीय संबंधों में सीमा मुद्दे को उपयुक्त स्थान दिया जाए।’’ हुआ ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष, चीनी पक्ष के साथ काम करेगा, दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमतियों को तत्परता से लागू करेगा, उपयुक्त मरीके से मतभेदों को को दूर करेगा, व्यावहारिक सहयोग बढ़ाएगा और द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने का प्रयास करेगा।’’ दोनों देश पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के समाधान के कोर कमांडर स्तर की आठ दौर 

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