आखिरकार अफगानिस्तान में अमेरिका ने मंगलवार को आखिरी अमेरिकी वायु सेना विमान सी-17 ग्लोबमास्टर की उड़ान के साथ ही अपने सबसे लंबे युद्ध को समाप्त कर दिया। आपको बता दे , कि तालिबान ने 31 अगस्त की तारीख तक का वक्त दिया था। वही, अमेरिका के डेडलाइन से 24 घंटे पहले ही अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ दिया। वर्ष 2001 में अमेरिका में अल कायदा द्वारा किए गए 9/11 के आतंकी हमलों की बरसी से ठीक 11 दिन पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की अंतिम वापसी हुई। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका के नागरिकों को संबोधित किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा : –
– हमने अफगानिस्तान में 20 साल तक शांति बनाए रखी।
– हमने तालिबान की मौजूदगी के बावजूद जो लोग निकलना चाहते थे, हमने उनको वहां से निकाला।
– हमारे सैनिकों ने 1.25 लाख से अधिक लोगों को वहां से निकाला।
– हम दुनिया को सुरक्षित रखना चाहते हैं इसलिए हम चाहते है कि अफगानिस्तान की जमीन का हमारे या किसी और देश के खिलाफ आतंकियों के लिए जमीन का इस्तेमाल न किया जाए।
– अमेरिका अफगानी लोगों की हमेशा मदद करते रहेगा।
– नई सदी में नई चुनौतियों से निपटना है। इनमें चीन और रूस चुनौतियों से भी निपटना है।
– हमने दो दशक तक अफगानिस्तान में बड़ी रकम खर्च की है
– काबुल छोड़ने की जिम्मेदारी पूरी तरह मेरी है। अमेरिकियों के हित में काबुल छोड़ने का फैसला लिया।
– हम अफगान गठबंधन के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। अब तालिबान के पास अफगानिस्तान की सत्ता है। वहां अब हजारों लोगों को नहीं भेजा जा सकता।
अफगानिस्तान छोड़ने से पहले अमेरिकी सैनिकों ने पीछे छोड़े खराब हथियार
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व शीर्ष राजनयिक निक्की हेली सहित कई नेताओं ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बाइडन प्रशासन की आलोचना की है। अफगानिस्तान छोड़ने से पहले अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट के हैंगर में खड़े ढेरों हेलीकॉप्टर्स और बख्तरबंद गाड़ियों को खराब कर दिया।
ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि अमेरिकी का आखिरी फ्लाइट के उड़ान भरने के कुछ देर बाद तालिबानी लड़ाके काबुल एयरपोर्ट के हैंगर में दाखिल हुए और वहां खड़े अमेरिकी सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की जांच की। न्यूज एजेंसी एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि अमेरिकी सेना ने कई एयरक्राफ्ट्स, बख्तरबंद गाड़ियों और हाई-टेक रॉकेट डिफेंस सिस्टम को खराब कर दिया है।