ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि कुछ दिनों में ही ब्रिटेन के लोगों को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन की खुराक लगनी शुरू हो जाएगी। नए स्ट्रेन से दहशत में आए ब्रिटेन के लोगों के लिए यह एक खुश की बात है।
ब्रिटेन की मंजूरी के बाद भारत में भी उम्मीदें बढ़ गई है, क्योंकि यहां इस्तेमाल के लिए अप्रूवल की लाइन में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन सबसे आगे खड़ी है। यूके सरकार ने कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को अधिकृत करने के लिए सरकार ने मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
इससे पहले संडे टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि ब्रिटेन के लोगों को जनवरी से ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन मिलने लगेगी। इससे यूके में टीकाकरण अभियान में बड़े पैमाने पर विस्तार देखा जाएगा। इसके साथ ही यूके ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के 10 करोड़ डोज के ऑर्डर दिए हैं, जो कि 5 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने के लिए पर्याप्त है।
ब्रिटेन में पहले से ही लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है लेकिन ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को मंजूरी देने के साथ ही ब्रिटेन में टीकाकरण में तेज़ी आने की उम्मीद है क्योंकि यह वैक्सीन सस्ती है और इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। इससे पहले दवा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला ब्रिटेन पहला देश बना था। वहीं अब ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला भी ब्रिटेन दुनिया में पहला देश है।
दवा नियामक के जरिए मंजूरी देने का मतलब है कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है और लोगों को इसकी खुराक दी जा सकती है। वहीं इस वैक्सीन का निर्माण इतनी तेज गति से किया गया है जो कि कोरोना महामारी से पहले अकल्पनीय थी।