पाकिस्तान आर्मी में स्टाफ कमिटी के ज्वॉइंट चीफ अफसर जनरल जुबेर महमूद हयात ने एक दावा किया है, उन्होंने कहा है कि ‘अगर इज़राइल पाकिस्तान की जमीन पर हमला करने की कोशिश करता है, तो हम 12 मिनट में ही यहूदियों के शासन को उखाड़ फेकेंगे। जनरल हयात ने यह बात ऑन रिकॉर्ड कही। उन्होंने कहा कि वह यहूदी विरोधी नहीं है। पाकिस्तान आर्मी के अफसर ने फलस्तीन के समर्थन में अपनी बात रखते हुए कहा कि वह नहीं समझते की पाकिस्तान और इस्राइल एक दूसरे के दुश्मन हैं।
ज़ीयोनिज्म और यहूदीवाद दोनों अलग-अलग धारणाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई है मानव अधिकारों की, जो सभी का अधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि जब मानव अधिकारों की बात आती है तो इसमें पाकिस्तान सबसे भ्रष्ट देश है, लेकिन पाकिस्तान इस्राइल के साथ करीब रिश्ता बनाने के लिए कोई गठबंधन नहीं करने जा रहा है। पाकिस्तान की बाहरी छवि सुधारने के लिए यह जरूरी है कि शायद मुल्क को बदलाव को पहले खुद ध्यान देना चाहिए।
इसके बाद सोचना चाहिए कि दूसरों सोच की हमारे प्रति कैसी है। मुस्लिम काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक जुबैर महमूद ने सुधाव दिया कि एतिहासिक रूप से इस्राइल पाकिस्तान के साथ विश्वासघात करता रहा है। अपनी इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने साल 1967 के एक आर्टिकल का हवाला देते हुए कहा कि इस्राइल के फाउंडर डेविड बेन के मुताबिक, ‘दुनिया के ज़्योनिस्ट आंदोलन को पाकिस्तान के खतरों से लापरवाह नहीं रहना चाहिए। पाकिस्तान जो यहूदियों से नफरत करता है और अरब से प्रेम करता है।
अरब देशों के ये समर्थक अरब देशों से ज्यादा खतरनाक है यहूदियों के लिए। इसलिए यहूदी दुनिया के लिए यह जरूरी है कि उसे पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल कदम उठाने चाहिए।’ हालांकि बेन के इस कोट को अभी तक सत्यापित नहीं किया जा सका है। इस्राइल के ही कई शिक्षाविद् इसे नकारते रहे हैं। पाक कमांडर ने कहा, ‘इजरायल मानता है कि सभी फिलिस्तीनी आतंकवादी हैं और वह इस्लामिक कट्टरपंथियों और आत्मघाती हमलावरों से अपने नागरिकों की रक्षा कर रहा है। वास्तविकता बिल्कुल अलग है।’
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