पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख की नियुक्ति पर पाकिस्तान में बवाल शुरू हो गया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे को एक सप्ताह में सुलझा लिया जाएगा। मंत्री शेख राशिद अहमद का यह बयान उन कयासों के बीच आया है, जिसमें कहा गया कि इस अहम नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा में मतभेद है।
ISI के महानिदेशक के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम की हुई थी नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक की नियुक्ति का मुद्दा पिछले सप्ताह इस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम की नियुक्ति को लेकर जारी होने वाली अधिसूचना में देरी के बाद से ही सुर्खियों में है। हालांकि, गृह मंत्री इस देरी के कारणों के बारे में बताने से बचते नजर आए।
सेना ने छह अक्टूबर को बयान जारी कर अंजुम को आईएसआई के मौजूदा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के स्थान पर नियुक्त करने की घोषणा की जबकि हमीद को पेशावर कोर का कमांडर नियुक्त किया है। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना रोक दी। शुरुआती चुप्पी के बाद सरकार ने इस सप्ताह जारी बयान में कहा कि इस अहम नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री से सही तरीके से चर्चा नहीं की गई।
प्रधानमंत्री इमरान को पूरा अधिकार
इस हफ्ते की शुरुआत में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री को खुफिया एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति करने का अधिकार है और परामर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है और अधिसूचना जारी की जाएगी।
शेख राशिद अहमद ने बताया है कि सौहार्दपूर्ण तरीके से देश के असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने मामले को सुलझा लिया है और अब ‘नियुक्ति (आईएसआई प्रमुख की) अगले शुक्रवार से पहले हो जाएगी।’’ जब इस नियुक्ति में हुई देरी के बारे में पूछा गया तो गृह मंत्री ने कहा कि वह कारण जानते हैं लेकिन सार्वजनिक नहीं करेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री ही इस बारे में जनता को बता सकते हैं।
आध्यात्मिक कारणों से नियुक्ति में नहीं हुई देरी
एक सवाल के जवाब में शेख राशिद ने उन दावों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘‘ आध्यात्मिक और पवित्र’’ कारणों से नियुक्ति में देरी की। मंत्री अहमद कहा कि यह पूरी तरह से बकवास है कि आध्यात्मिक शक्तियों के हस्तक्षेप की वजह से जानबूझकर नियुक्ति में देरी की गई। यह अतार्किक है कि कोई निर्देशित कर रहा है।’’
अफगानिस्तान में पनपे हालात नहीं है वजह
मंत्री ने दावा किया कि असैन्य और सैन्य नेतृत्व में कोई मतभेद नहीं है और दोनों ने जो तय किया गया है, उसपर वे संतुष्ट हैं। उन्होंने मीडिया में आई खबरों और सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेशनल असेंबली में मुख्य सचेतक अमीर डोगर के उस बयान को भी खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री लेफ्टिनेंट जनरल फैज को पड़ोसी देश अफगानिस्तान में उत्पन्न् हालात की वजह से कुछ और समय के लिए इस पद पर बने देने रहना चाहते थे।
वहीं, एक अन्य बयान में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि आईएसआई महानिदेशक की नियुक्ति के मुद्दे का आने वाले कुछ दिनों में समाधान हो जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस प्रकरण पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा, ‘‘इस मुद्दे पर शुक्रवार कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।’’