करतारपुर गलियारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को हो रही तीसरे दौर की बातचीत से पहले पाकिस्तान ने उम्मीद जताई कि अटारी बैठक में गलियारे संबंधी समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से जोड़ेगा।
गलियारे के रास्ते भारतीय सिख तीर्थयात्री बिना वीजा के करतारपुर जा सकेंगे। उन्हें इसके लिए सिर्फ परमिट या इजाजत लेनी होगी। करतारपुर स्थित दरबार साहिब की स्थापना 1522 में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव ने की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया तथा सार्क मामलों के महानिदेशक मोहम्मद फैसल ने अटारी आने से पहले कहा, ”भारत के साथ आज की वार्ता में हमें आशा है कि करतारपुर गलियारा समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सकेगा। इस परियोजना का 90 प्रतिशत काम लगभग पूरा हो चुका है और पाकिस्तान इस गलियारे को नवंबर में खोलने के लिए प्रतिबद्ध है।”
गलियारे से जुड़ी वार्ता में फैसल पाकिस्तानी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गलियारे से जुड़ी वार्ता के परिणाम को लेकर सकारात्मक और उत्साहित है। फैसल ने कहा, “पाकिस्तान ने सिख समुदाय की इच्छा पर इस गलियारे को खोलने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह कदम अल्पसंख्यकों के लिए उठाया है।”
एक अधिकारी ने बताया कि अटारी में आज हो रही बातचीत के दौरान संभवत: यह तय होगा कि गलियारे के उद्घाटन के वक्त कौन-कौन उपस्थित रहेगा। उन्होंने बताया “बैठक में यह भी तय हो सकता है कि गलियारे के उद्घाटन समारोह के दौरान भारत से कितने सिख पाकिस्तान आएंगे।”