पाकिस्तान में ऐतिहासिक हिंदू मंदिर कटासराज के तालाब में पानी भरने को लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार को मंदिर के तालाब में पानी भरने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत किसी भी हद तक जा जाएगी।
कोर्ट का यह निर्णय कटासराज मंदिर में बने पवित्र तालाब के सरंक्षण में पाक सरकार के नाकाम होने के बाद आया है। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मामले को स्वत: ही संज्ञान में लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने सरकार और चकवाल जिला प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर तालाब में पानी भरने के आदेश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘तालाब में एक सप्ताह के भीतर पानी भरा जाना चाहिए।’ साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट किसी भी हद तक जाएगी।
बता दें कि सरंक्षण की कमी के कारण तालाब का आकार लगातार सिकुड़ रहा है। पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है। हर साल महाशिवरात्री के अवसर पर बड़ी संख्या में भारत से लोग यहां तीर्थ यात्रा के लिए पाकिस्तान जाते हैं।मंदिर के साथ ही लगा एक बौद्ध स्तूप और सिख हवेलियां अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के भी आस्था के केंद्र यहां हैं।
कटासराज मंदिर: कटासराज पाकिस्तान के पंजाब के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत श्रृंखला पर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है. यह करीब 900 साल पुराना मंदिर है। धार्मिक मान्यता तथा पुरात्तव विभाग के अनुसार, इस स्थान को शिव नेत्र माना जाता है। जब पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की आंखों से दो आंसू टपके थे। एक आंसू कटास पर टपका जहां अमृत बन गया और इसी स्थान को पवित्र सरोवर तीर्थ स्थान कटासराज के रूप में जानते हैं, दूसरा आंसू अजमेर राजस्थान में टपका और यहां पर पुष्करराज तीर्थ स्थान है।