पाकिस्तान ने कोरोना वायरस पर दक्षेस देशों की वीडियो कांफ्रेंस का इस्तेमाल रविवार को कश्मीर मुद्दा उठाने में किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये जम्मू कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी को हटा लेना चाहिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मिर्जा के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शामिल हुए।
मिर्जा ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य में समानता सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक मूल सिद्धांत है। इस संबंध में, मुझे कहना है कि यह चिंता का विषय है कि जम्मू कश्मीर से कोविड-19 के मामले दर्ज किये गये हैं और स्वास्थ्य आपात स्थिति में यह जरूरी है कि वहां तत्काल सभी पाबंदियों को हटा लेना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संचार और आवाजाही को खोले जाने से सूचना का आदान-प्रदान होगा, दवाइयों के वितरण और रोकथाम की अनुमति होगी।’’
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास करता आया है लेकिन भारत ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाया जाना उसका ‘‘आंतरिक मामला’’ है।
भारत ने कहा था कि पाकिस्तान सच्चाई को स्वीकार करे और भारत विरोधी बयानबाजी को रोके।