आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है। पिछले कई महीनों से पाकिस्तान के हालात एसे हो गए हैं कि लोगों को जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है।पाकिस्तान में दिन पर दिन खाने पीने की चीजें महंगी हो रही है। जिसकी वजह से पाकिस्तान की जनता खाने पीने का सामान भी नहीं खरीद पा रहे है।
भारी टैक्स लगाने से जनता परेशान
वहीं पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ जनता पर भारी टैक्स लगा रहे है जिसकी वजह से पैट्रोल से लेकर जरुरत की हर चीज महंगी हो रही है। सरकार ने हाल ही में मिनी बजट भी पेश किया है जिसके बाद से ही पेट्रोल की कीमत बढकर 272 रुपए लिटर हो चुकी है। जनता पर टैक्स के जरिए पाकिस्तान सरकार ने कमाई के जो जरिए ढूंढे हैं। उनमें सबसे ज्यादा सेल्स टैक्स बढ़ाया गया है। यह 17 से 18 प्रतिशत कर दिया गया है। लग्जरी सामान पर तो सेल्स टैक्स को 17 से सीधे 25 प्रतिशत बढाया गया है।
पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज मिलने काै इंतजार
खाने पीने की चीजें भी और महंगी हो गई है। पाकिस्तान को संकट से सिर्फ आईएमएफ ही निकाल सकता है। क्योंकी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का राहत पैकेज ही इस देश को उबार सकता है। इसलिए पड़ोसी मुल्क पैकेज के तहत एक अरब डॉलर की किश्त मिलने का इंतजार कर रहा है। बता दें राहत पैकेज के लिए आईएमएफ के अधिकारी 9 फरवरी को दस दिनों का पाकिस्तान दौरा पूरा कर वापस भी आ गए लेकिन पैकेज का एलान नहीं हो पाया है।
मिनी बजट से पाकिस्तान बर्बाद हुआ
आईएमएफ राहत पैकेज को लेकर देरी इसलिए कर रहा है। क्योंकी वो कई शर्तों के साथ पैसे देने की तैयारी में है यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार को नए टैक्स लगाने पड़े हैं।16 फरवरी को पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने संसद में पूरक वित्त विधेयक यानी मिनी बजट पेश किया था इसमें पाकिस्तान सरकार ने नए कर के माध्यम से 170 अरब रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है। ये बजट आईमएफ के लिए लाया गया है। इस मिनी बजट में कई क्षेत्रों में टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। सरकार को उम्मीद है कि ऐसा करके आईएमएफ से उसे कर्ज मिल सकता है। जो लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को संभाल सकता है।