सऊदी से तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी दो दिवसीय चीन दौरे पर गए हैं। कुरैशी गुरुवार को चीन-पाकिस्तान विदेश मंत्रियों के रणनीतिक वार्ता के दूसरे दौर में भाग लेने के लिए चीन रवाना हुए। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रवाना होने से पहले कुरैशी ने कहा कि वह ‘चीन की बहुत महत्वपूर्ण यात्रा’ पर जा रहे हैं।
वीडियो संदेश में कुरैशी ने कहा कि, “मैं चीन की बहुत महत्वपूर्ण यात्रा पर जा रहा हूं। मैंने कल (बुधवार) इस यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की। मेरा प्रतिनिधिमंडल देश के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के रुख का प्रतिनिधित्व करेगा।” वह आगे कह रहे हैं, “मुझे उम्मीद है कि विदेश मंत्री वांग यी से मेरी मुलाकात दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी।”
विदेशी कार्यालय के एक बयान के अनुसार, कुरैशी और वरिष्ठ अधिकारी चीन के हैनान प्रांत का दौरा करेंगे, जहां वह वार्ता में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वहीं स्टेट काउंसलर और फॉरेन मिनिस्टर वांग यी बातचीत के दौरान चीनी पक्ष का नेतृत्व करेंगे। डॉन न्यूज ने एक बयान के हवाले से कहा, “वार्ता में दोनों पक्ष कोविड -19, द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग जैसे विषय पर चर्चा करेंगे।”
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि, “यह वार्ता पाकिस्तान-चीन के बीच ‘ऑल-वेदर स्ट्रेटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनरशिप’ को और मजबूत बनाने और कई मुद्दों पर चीन के साथ रणनीतिक संचार और समन्वय को गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।” चीन-पाकिस्तान विदेश मंत्रियों के रणनीतिक वार्ता का पहला दौर मार्च 2019 में हुआ था।
इससे पहले नाराज सऊदी अरब को मनाने पहुंचे पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को बेज्जती का सामना करना पड़ा। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बाजवा को मुलाकात किए बिना ही लौटा दिया। बाजवा के साथ हुए उस बर्ताव का कारण पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बड़बोलापन है।
दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कश्मीर को लेकर पिछले दिनों अपने पुराने ‘मित्र’ सऊदी अरब को बड़ी धमकी दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि यदि आप (OIC) इस मामले में आगे नहीं आता, तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर हो जाऊंगा जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं।