इस माह की 25 तारीख को पाकिस्तान में आम चुनाव होने जा रहे हैं। प्रत्येक राजनीतिक पार्टी अपने एजेंडे से नागरिक को लुभाने की कोशिश कर रही है। वही इस बीच पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान भी इसी दौड़ में शामिल हैं। तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने सोमवार को ‘रोड टू नया पाकिस्तान’ नामक अपनी पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में उन्होंने पाकिस्तान को इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने का वादा किया।
आपको बता दे कि इमरान खान की पार्टी को बढ़त मिलती नजर आ रही है। खास बात ये है कि इस आम चुनाव में भारत सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुअा है। वहीं, पाकिस्तान में अब तक हुए 14 में से 7 चुनावों में राजनीतिक दलों की जीत-हार भारत के नाम पर हुईं हैं।
इमरान खान ने अपने घोषणापत्र में पाकिस्तान को इस्लामिक कल्याणकारी देशबनाने का वादा किया। इसके साथ ही उन्होंने पड़ोसी देश भारत के साथ इस क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाने की बात कही है। इतना ही नहीं उन्होंने कश्मीर मुद्दे को यूएनएससी के प्रस्तावों के तहत सुलझाने की बात भी कही है।
पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि हमारे क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए खास तौर पर भारत के साथ संघर्ष खत्म करने के लिए सुरक्षा और सहयोग की नीति बनाना अहम है। इमरान खान प्रमुख ने कहा कि हमारा यह घोषणापत्र कोई आसान समाधान नहीं है। पाकिस्तान की समस्याओं का कोई आसान समाधान नहीं है हमें बड़े बदलाव करना है।
वही इमरान खान ने आगे कहा कि अगर 25 जुलाई के आम चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को बहुमत मिलता है तो उनकी योजना 100 दिन के भीतर देश के सामने मौजूद गंभीर आर्थिक और प्रशासनिक संकट दूर करने की होगी। पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि हमारे क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए खास तौर पर भारत के साथ संघर्ष खत्म करने के लिए सुरक्षा और सहयोग की नीति बनाना अहम है।
आपको बता दे कि पाक चुनावों में हर बार भारत बड़े चुनावी मुद्दों में से एक होता है। सिर्फ भारत के नाम पर ही कई बार पाक में सरकारें बनीं और गिरीं हैं। इस बार भी पीएमएल-एन, पीपीपी कश्मीर मुद्दे को उछाल रही हैं।
इमरान रैलियों में कह रहे हैं कि हमने भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाया, पर वह हमें दुनिया में अलग-थलग करने की नीति पर काम कर रहा है। पीपीपी, पीएमएल-एन 30 साल से भारत पर झूठे आरोप लगाकर चुनावों में जीत हासिल करती रही हैं। 1990, 1993, 1999, 2002 और 2008 के चुनावों में भारत बड़ा मुद्दा रहा। इस बार पार्टियां कुलभूषण जाधव के बहाने भारत पर जासूसी का आरोप भी लगा रही हैं।