हाल ही में देश में सत्ता गवांने वाले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए आरोप लगाया है कि गलत कृत्यों में शामिल शक्तिशाली प्रतिष्ठान के कुछ तत्व उनके सत्ता से बेदखल होने के लिए जिम्मेदार थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के बाद 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री पद गंवाने वाले इमरान ने पाक सेना का समर्थन उस समय खो दिया था, जब उन्होंने बीते साल खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति को समर्थन देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, वह अंत में इसके लिए तैयार हो गए, लेकिन तब तक सेना से उनके संबंध बिगड़ चुके थे।
एक या दो व्यक्ति कुछ गलत करते हैं तो पूरी संस्था जिम्मेदार नहीं होती : इमरान खान
बुधवार रात ट्विटर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इमरान ने लिखा, संस्थाओं में भी इंसान होते हैं। अगर एक या दो व्यक्ति कुछ गलत करते हैं तो पूरी संस्था जिम्मेदार नहीं होती है। यदि एक व्यक्ति (सेना प्रमुख जनरल बाजवा के संदर्भ में) कोई गलती करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी संस्था की गलती है। पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि, इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और सेना के बीच रिश्ते कई महीनों से तनावपूर्ण थे। उन्होंने कहा कि, हमने प्रतिष्ठान के साथ अपनी गलतफहमियों को दूर करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। 69 वर्षीय इमरान अविश्वास प्रस्ताव के लिए अपदस्थ किए जाने वाले पाकिस्तान के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ ने उनकी जगह ली है।
एक या दो व्यक्ति कुछ गलत करते हैं तो पूरी संस्था जिम्मेदार नहीं होती : इमरान खान
बुधवार रात ट्विटर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इमरान ने लिखा, संस्थाओं में भी इंसान होते हैं। अगर एक या दो व्यक्ति कुछ गलत करते हैं तो पूरी संस्था जिम्मेदार नहीं होती है। यदि एक व्यक्ति (सेना प्रमुख जनरल बाजवा के संदर्भ में) कोई गलती करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी संस्था की गलती है। पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बुधवार को एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि, इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और सेना के बीच रिश्ते कई महीनों से तनावपूर्ण थे। उन्होंने कहा कि, हमने प्रतिष्ठान के साथ अपनी गलतफहमियों को दूर करने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। 69 वर्षीय इमरान अविश्वास प्रस्ताव के लिए अपदस्थ किए जाने वाले पाकिस्तान के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ ने उनकी जगह ली है।

पाकिस्तान को इमरान खान से ज्यादा सशस्त्र बलों की जरूरत है
इमरान ने अपने समर्थकों से गुरुवार को लाहौर की मीनार-ए-पाकिस्तान पहुंचने का आह्वान किया, ताकि इसे मुल्क के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी रैली बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि, सभी संस्थाएं भ्रष्ट नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़े कुछ तत्व गलत कृत्यों में शामिल होते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने सेना की तारीफ करते हुए कहा, पाकिस्तान को इमरान खान से ज्यादा सशस्त्र बलों की जरूरत है। अगर यहां एक मजबूत सेना नहीं होती तो पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो सकते थे
