बीते दिन बुधवार को पठानकोट एयरबेस पर 2016 को हुए खूंखार आतंकी हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की बुधवार को पाकिस्तान में ही हत्या हो गई थी। उसे पाकिस्तान ने ही पाला पोसा था और वह भारत से 2010 में जेल से छूटा था। बता दें उसकी बुधवार को उस वक्त हत्या हो गई थी, जब वह पाकिस्तानी पंजाब के सियालकोट में नमाज पढ़ रहा था। मस्जिद के अंदर ही घुसकर उसकी अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी। अब उसकी हत्या पर पाकिस्तान रोना रो रहा है।
पाकिस्तान सरकार आतंकियों को किस तरह संरक्षण देती है
आपको बता दें पाकिस्तान सरकार आतंकियों को किस तरह संरक्षण देती रही है। इसका पता इससे चलता है कि उसने शाहिद लतीफ को साहेब कहकर संबोधित किया है। पाक सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि टारगेट किलिंग के तहत शाहिद साहेब की हत्या की गई है। पाकिस्तान ने कहा कि शाहिद साहेब को मालूम था कि उनकी जान को खतरा है और यह बात सही साबित हुई।
शाहिद लतीफ समेत दो दर्जन आतंकियों को रिहा कर दिया था
दरअसल, पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के मकसद से यूपीए सरकार ने 2010 में शाहिद लतीफ समेत दो दर्जन आतंकियों को रिहा कर दिया था। इससे पहले जब जैश के आतंकियों ने आईसी-814 प्लेन को हाईजैक किया था तो उन्होंने भी शाहिद लतीफ की रिहाई की मांग की थी। हालांकि इस मामले में भारत सरकार जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर और उमर शेख को रिहा करने पर सहमति जताई थी। बता दें कि इसी उमर शेख ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की थी।
हत्याकांड को अंजाम देते ही भाग गए
53 वर्षीय शाहिद लतीफ भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था और उसे UAPA के तहत आतंकी घोषित किया गया था। शाहिद लतीफ के साथ ही उसके भाई की भी बुधवार को तड़के हत्या कर दी गई, जब वह सियालकोट की नूर मदीना मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था। बताया जा रहा है कि हत्यारे मोटरसाइकल से आए थे और हत्याकांड को अंजाम देते ही भाग गए।