दुनिया भर में फैले कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया इस वक़्त लॉकडाउन हो रखी है। कोविड-19 के प्रसार के कारण पूरी दुनिया में इस वक्त सारे काम काज ठप्प पड़े हुए हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान में लॉकडाउन का दूसरा चरण लगा हुआ है हालांकि पाकिस्तान की सरकार ने दुसरे चरण के दौरान कल से लॉकडाउन में भारी ढील देने का फैसला किया है।
पाकिस्तानी मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को यह ऐलान किया कि नौ मई से लॉकडाउन में ढील दी जा रही है।पाकिस्तान सरकार द्वारा दी गई ढील के अनुसार लॉकडाउन में मॉल और शॉपिंग कांप्लेक्स नहीं खुलेंगे लेकिन सुबह तड़के के समय से लेकर शाम पांच बजे तक सभी बाजार हफ्ते में पांच दिन खुलेंगे जिसमें सभी छोटी दुकानें खुलेंगी।
इसका विवरण देते हुए संघीय उद्योग मंत्री हम्माद अजहर ने कहा कि सहरी (रमजान में तड़के किए जाने वाला भोजन का समय) के समय से शाम पांच बजे तक सभी बाजार खुलेंगे और सभी ‘छोटी’ दुकानों को खोला जा सकेगा। ऐसा हफ्ते में पांच दिन किया जाएगा। शनिवार और रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन होगा और बाजार बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में कुछ खास ओपीडी को शनिवार से खोला जाएगा।
अजहर ने बताया कि लॉकडाउन में ढील देने के लिए राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में सभी फैसले किए गए। इसमें प्रधानमंत्री इमरान खान, चारों प्रांतों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया कि सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि पाइप मिल, पेंट फैक्ट्री, बिजली के तार, टाइल्स, सेरामिक्स, सेनेटरी, स्टील, अल्युमीनियम और हार्डवेयर के सभी कारखानें खोल दिए जाएंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट खोलना है या नहीं, इस पर फैसला राज्य सरकारें करेंगी।
सार्वजनिक सभाओं, शापिंग कांप्लेक्स, माल, शादीघर, कंसर्ट हाल, सिनेमाघर, रेस्टोरेंट, होटल, नाई की दुकानों आदि को पहले की तरह बंद रखा जाएगा।
इमरान ने समन्वय समिति की बैठक के बाद गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि लॉकडाउन में ढील की सफलता आम लोगों पर निर्भर करती है। अगर उन्होंने सोश्ल डिस्टेंसिंग जैसी शर्तो का पालन नहीं किया और कोरोना तेजी से फैला तो लॉकडाउन फिर से लगाने पर बाध्य होना पड़ेगा।
इमरान ने कहा कि वह मानते हैं कि हाल के दिनों में देश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और मौतें भी बढ़ी हैं लेकिन फिर भी वह यह फैसला ले रहे हैं क्योंकि आम लोगों को रोजगार से रोकने के बहुत घातक नतीजे अब सामने आ सकते हैं।