पाकिस्तान की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति मामले में नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ की फिजिकल रिमांड के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अनुरोध को खारिज कर दिया और उन्हें न्यायायिक रिमांड पर भेज दिया।
समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक, मंगलवार को एनएबी की एक टीम ने लाहौर में अदालत के समक्ष शरीफ को उनकी पिछली एक सप्ताह के रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद पेश किया और पूरी जांच के लिए 14 दिनों के लिए उनकी और हिरासत मांगी। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि शरीफ ने रिमांड के दौरान प्रश्नों का उत्तर देने से इनकार कर दिया। जब बैंक खातों के विवरण के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।
दावा खारिज करते हुए शरीफ ने कहा कि पूछताछ करने वालों ने पिछले सप्ताह के दौरान केवल 15 मिनट के लिए उनसे पूछताछ की। उन्होंने कहा कि पूछताछ करने वालों ने उनसे जो भी सवाल पूछे हैं, उनका जवाब पहले ही दिया जा चुका है और अदालत के समक्ष दायर संदर्भ में इसका उल्लेख किया गया है।
न्यायाधीश ने शरीफ की आगे की हिरासत के लिए एनएबी के अनुरोध को ठुकरा दिया और उन्हें 27 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। एनएबी ने 28 सितंबर को शरीफ को गिरफ्तार किया था।