इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की दो दिवसीय बैठक के दौरान मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। खान ने कहा 57 सदस्यीय यह संगठन कश्मीर मुद्दे को लेकर कोई प्रभाव डालने में समर्थ नहीं रहा क्योंकि यह एक ”विभाजित सदन” है।
हम कश्मीर और फलस्तीन दोनों ही जगह के लोगों के लिए नाकाम साबित हुए-इमरान
खान की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आयी है, जब वह वर्ष 2018 में देश की सत्ता संभालने के बाद सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा का सामना करने जा रहे हैं। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इस्लामाबाद स्थित संसद भवन में ओआईसी के विदेश मंत्रियों की 48वीं बैठक को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, ”हम कश्मीर और फलस्तीन दोनों ही जगह के लोगों के लिए नाकाम साबित हुए हैं। हम एक विभाजित सदन हैं और वे (भारत और इजराइल) यह बात जानते हैं।”
हमारा संयुक्त मोर्चा (प्रमुख मुद्दों पर) नहीं होगा, इस तरह की चीजें जारी रहेंगी
भारत लगातार पाकिस्तान से कहता रहा है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के भारत के कदम का जिक्र करते हुए खान ने कहा, ”कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने (भारत) कोई दबाव महसूस नहीं किया।” पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यह नहीं कह रहे कि मुस्लिम देश अपनी विदेश नीति में बदलाव करें, लेकिन जब तक ”हमारा संयुक्त मोर्चा (प्रमुख मुद्दों पर) नहीं होगा, इस तरह की चीजें जारी रहेंगी।”