पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि राष्ट्र, उसके प्रतीकों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर 9 मई को हुए विद्रोही हमलों की जड़ पिछले एक साल के दौरान इमरान खान के भाषण हैं। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम शहबाज शरीफ ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि इमरान खान ने अपने राजनीतिक आंदोलन को सच्चाई और झूठ के बीच युद्ध के रूप में ब्रांड करने के लिए उदारतापूर्वक धार्मिक छवि का इस्तेमाल किया है। पीएम शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने लगातार सशस्त्रबलों और मौजूदा सेना प्रमुख को बदनाम किया और उनपर हमला किया। उन्होंने बहुत चालाकी से हकीकी आजादी के नारों के साथ अपना पंथ (धर्म-संप्रदाय) तैयार किया, जिसका उद्देश्य उन्हें 9 मई को हुई हिंसा के लिए उकसाना था।
समा टीवी कि रिपोर्ट के अनुसार, पीएम ने कहा कि इमरान खान के भाषणों को सुनें और आपको अपने जवाब मिल जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की घटनाओं में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाने में कोई कसर न छोड़ें। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को सजा न मिले। जियो न्यूज के मुताबिक, अंतरिम पाकिस्तान पंजाब सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लाहौर में जमान पार्क स्थित आवास में शरण लेने वाले 30 से 40 आतंकवादियों को पुलिस को सौंपने के लिए 24 घंटे का समय दिया है।
कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पीटीआई को इन आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए, नहीं तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इन आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानती है क्योंकि उसके पास विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जो खुफिया रिपोर्ट आई है, वह बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि पीटीआई प्रमुख एक साल से अधिक समय से सेना को निशाना बना रहे हैं और पार्टी से आतंकवादियों को सौंपने का आग्रह किया है। मीर ने कहा कि पीटीआई नेतृत्व ने इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले हमले की योजना बनाई थी।