पाकिस्तान ने बालाकोट में आतंकी शिविरों के फिर से सक्रिय होने के भारतीय सेना प्रमुख के बयान को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। गौरतलब है कि इस वर्ष की शुरुआत में भारतीय सैन्य बलों ने सर्जिकल स्ट्राइक कर बालाकोट स्थित आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को चेन्नई में कहा था कि पाकिस्तान ने हाल ही में बालाकोट में आतंकी शिविरों को फिर शुरू कर दिया है और करीब 500 घुसपैठिए भारत में घुसने की फिराक में हैं। बिपिन रावत ने तमिलनाडु में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी में संवाददाताओं से कहा था कि आतंकी संगठनों के फिर से सक्रिय होने पर भारत का जवाब फरवरी में किए गए हवाई हमलों से कहीं बढ़कर हो सकता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत के सेना प्रमुख के वक्तव्य को पूरी तरह से आधारहीन बताया है। इसमें उसने कहा कि पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ किए जाने के आरोप लगाकर भारत जम्मू-कश्मीर में “मानवीय संकट” से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है और दिल्ली “इस तरह की तिकड़मों से विश्व समुदाय का ध्यान भटकाने के प्रयासों” में सफल नहीं होगी।
भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटा दिए और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। पाकिस्तान ने दिल्ली के साथ अपने राजनयिक रिश्तों में कटौती करने के साथ ही भारतीय उच्चायुक्त को भी अपने यहां से निष्कासित कर दिया।
पाकिस्तान को बड़ा झटका, कश्मीर मुद्दे पर चीन ने झाड़ा पल्ला
कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बनाने के पाकिस्तान के प्रयासों के बीच भारत ने बार बार स्पष्ट किया है कि अनुच्छेद 370 के चुनिंदा प्रावधानों को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है। इस साल के शुरू में पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इस हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने इसी साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्र को खत्म कर दिया था।