पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के सनसनीखेज अपहरण और हत्या मामले के मुख्य आरोपी अल-कायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख के अपराध को साबित करने में विफल रहने के लिए अभियोजन पक्ष की आलोचना की।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को 43 पृष्ठों का अपना विस्तृत फैसला जारी किया, जिसे न्यायमूर्ति सरदार तारिक मसूद ने लिखा है, जो तीन सदस्यीय पीठ का हिस्सा हैं। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायाधीशों ने कहा कि सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों में तथ्यात्मक और कानूनी खामियां थीं।
इस फैसले में यह कारण बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने क्यों 28 जनवरी को उमर शेख और अन्य को बरी कर दिया और प्रमुख संदिग्ध के साथ ही फहद नसीम अहमद, सैयद सलमान साकिब और शेख मोहम्मद आदिल को रिहा करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने 2-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया था।
वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद उनकी सिर कलम करके हत्या कर दी गई थी।