पाकिस्तान पैसे की तंगी का सामना कर रहा है और आईएमएफ के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए अमेरिका से मदद की उम्मीद कर रहा है।नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का रवैया अपने प्रति नरम करने के लिए अमेरिका से मदद मांगने का फैसला किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच कर्मचारी स्तर के समझौते पर अभी हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं। पाकिस्तान को आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर की किस्त भी अभी नहीं मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी स्तर के समझौते पर आगे बढ़ने के लिए आईएमएफ को मनाने में विफल रहे पाकिस्तान के पास वाशिंगटन तथा अन्य पश्चिमी सहयोगियों से मदद मांगने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
बेहद निचले स्तर पर पहुंच गया था
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी संकट में है। कुछ हफ्ते पहले उसका विदेशी मुद्रा भंडर 2.9 अरब डॉलर के बेहद निचले स्तर पर पहुंच गया था। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री इसहाक डार ने इस्लामाबाद में अमेरिकी राजनयिकों से संपर्क स्थापित किया है और अमेरिका के वित्त विभाग के हस्तक्षेप के जरिए गतिरोध को दूर करने में मदद देने का अनुरोध किया है।
वित्तीय जरूरतों के लिए जून 2023 तक समर्थन प्राप्त करे
इसमें कहा गया, ‘‘अब आईएमएफ का कहना है कि बाहरी खाते पर 6-7 अरब डॉलर के वित्तपोषण अंतर को भरने के लिए पाकिस्तान अपने मित्र देशों और बहुपक्षीय लेनदारों से जून 2023 के अंत तक 200 प्रतिशत आश्वासन प्राप्त करे।’’ मुद्राकोष ने पाकिस्तान से कहा है कि वह सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर तथा बहुपक्षीय ऋणदाताओं से छह से सात अरब डॉलर की बाहरी वित्तीय जरूरतों के लिए जून 2023 तक समर्थन प्राप्त करे ताकि वित्तीय अंतर को पाटा जा सके।