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पाकिस्तानी लेखिका फहमीदा रियाज का निधन

 प्रसिद्ध पाकिस्तानी लेखिका कामिला शमशी ने फहमीदा के निधन पर दुख जताते कहा कि वह तानाशाही के स्याह दिनों की चमकदार रोशनी थीं। 

पाकिस्तान की प्रसिद्ध लेखिका व कवयित्री फहमीदा रियाज का यहां निधन हो गया। वह 72 साल की थीं। उनका बुधवार रात निधन हुआ। फहमीदा को महिलाओं के मुद्दों को साहित्य के जरिए उठाने वाली बेहद खास लेखिकाओं में से एक माना जाता है। ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, नारीवादी साहित्य में अग्रणी लेखिका के रूप में सम्मानित प्रगतिशील लेखिका पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थीं।

 फहमीदा एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती थीं। उन्होंने 15 से अधिक किताबें लिखी थीं। भारत के मेरठ में वर्ष 1946 में एक साहित्यिक परिवार में जन्मीं फहमीदा ने साहित्य के अलावा सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वह भारत में छह वर्षों तक आत्म-निर्वासन में रही थीं जब सैन्य तानाशाह जनरल जिया-उल-हक का पाकिस्तान पर शासन था।

दिवंगत बेनजीर भुट्टो के प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के दौरान फहमीदा सांस्कृतिक मंत्रालय से जुड़ीं थीं। वर्ष 2009 में फहमीदा को कराची के उर्दू डिक्शनरी बोर्ड का मुख्य संपादक नियुक्त किया गया था। प्रसिद्ध पाकिस्तानी लेखिका कामिला शमशी ने फहमीदा के निधन पर दुख जताते कहा कि वह तानाशाही के स्याह दिनों की चमकदार रोशनी थीं।

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