कोरोना महामारी के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर विश्वभर में यह मंथन जारी है कि यह वायरस के डेल्टा आदि स्वरूपों से कितना संक्रामक और खतरनाक है। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि ओमीक्रॉन पर वर्त्तमान की कोरोना वैक्सीन कितनी असरदार है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों ने एक प्रारंभिक अध्ययन में पाया कि फाइजर का टीका वायरस के अन्य प्रमुख वरिएंटों की तुलना में ओमीक्रॉन पर कम असर करता है।
ओमीक्रॉन पर फाइजर का आंशिक असर
डरबन में अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में किए गए प्रयोगों में, यह देखा गया कि ओमीक्रॉन वेरिएंट पर फाइजर की 2 खुराक द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के स्तर में लगभग 40 गुना कमी आई है। इस स्टडी में एक बात और भी सामने आई है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली थीं और पहले से इंफेक्शन था, उन ज्यादातर मामलों में वैरिएंट को बेअसर कर दिया गया।
ओमीक्रॉन वैरिएंट से बचा सकती है बूस्टर डोज
स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज ओमीक्रॉन वैरिएंट से बचा सकती हैं। इस नए वायरस के खिलाफ फाइजर वैक्सीन की प्रभावकारिता का आकलन करने वाले पहले रिपोर्ट किए गए प्रयोगों की एक ऑनलाइन प्रस्तुति में बोलते हुए, एलेक्स सिगल ने बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट को बेअसर करने के मामले में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जोकि पहले के कोविड स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा है।
संक्रमण की संभावना कम कर सकता है बूस्टर
ब्लूमबर्ग समाचार एजेंसी ने शोधकर्ता के हवाले से कहा, “एक अच्छा बूस्टर शायद आपके संक्रमण की संभावना को कम कर देगा। जिन लोगों के पास बूस्टर नहीं है उन्हें एक मिलना चाहिए, और जो लोग पहले संक्रमित हो चुके हैं उन्हें टीका लगाया जाना चाहिए।”