पाकिस्तान में मई माह में हुए पीआईए विमान हादसे को लेकर लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री के अनुसार उड़ान के दौरान पायलट कोरोना महामारी पर चर्चा कर रहे थे, जिसके कारण उनका ध्यान भटका और विमान हादसे का शिकार हुआ। इस हादसे में 97 लोगों की मौत हो गई थी।
पाकिस्तान की संसद में उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने उक्त विमान दुर्घटना के कारणों में पायलटों का ‘‘अतिआत्मविश्वास और ध्यान की कमी’’ को कुछ कारणों के तौर पर उल्लेखित किया। पीआईए विमान दुर्घटना पर नेशनल असेंबली में अंतरिम जांच रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि पायलट का ध्यान केंद्रित नहीं था और इसके कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
उन्होंने कहा कि पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रण की मानवीय गलती से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलटों ने विमान की ऊंचाई के बारे में हवाई यातायात नियंत्रण के निर्देशों को नजरंदाज किया। उन्होंने कहा, ‘‘पायलट और एटीसी दोनों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पायलट पूरी उड़ान के दौरान कोरोना वायरस के बारे में चर्चा कर रहे थे। उनका ध्यान केंद्रित नहीं था। वे कोरोना वायरस के बारे में, उनके परिवारों के प्रभावित होने के बारे में बातें कर रहे थे। जब नियंत्रण टावर ने पायलट को विमान की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कहा तो पायलट ने कहा कि वह संभाल लेगा। यह अतिआत्मविश्वास था।’’
सरवर ने कहा कि चालक दल के सदस्य और एटीसी भी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने कहा, ‘‘जो भी जिम्मेदार है उसे जवाबदेह बनाया जाएगा।’’ उन्होंने वादा किया कि पूर्ण जांच रिपोर्ट एक वर्ष में पेश कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख है कि विमान में कोई तकनीकी खामी नहीं थी और पायलटों ने भी इसके बारे में हवाई यातायात नियंत्रक के साथ अपनी बातचीत में भी नहीं कहा है।
मंत्री ने कहा कि विमान ने लैंडिंग गियर के बिना ही तीन बार रनवे को छुआ जिससे उसके इंजन को क्षति पहुंची। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी के 40 फीसदी पायलट फर्जी लाइसेंस से विमान उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पायलटों ने न तो स्वयं परीक्षा दी है और न ही उन्हें उचित उड़ान अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से पायलटों की नियुक्ति राजनीतिक आधार पर भी होती है।’’