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पाक PM इमरान खान संबंधों में सुधार के मकसद से राष्ट्रपति ट्रंप से करेंगे वार्ता

हवाई अड्डे पर खान के स्वागत के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी मौजूद थे। काफी तादाद में वहां मौजूद पाकिस्तानी मूल के अमेरिकियों ने भी उनका स्वागत किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार के मकसद के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सोमवार को वार्ता करेंगे। पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध तब से प्रभावित हुए जब ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान की आलोचना की, उसे दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक दी तथा उसे आतंकवाद से लड़ने के लिए और अधिक प्रयास करने को कहा। खान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। 
समझा जाता है कि इस मुलाकात के दौरान अमेरिकी नेतृत्व उन पर पाकिस्तानी धरती पर सक्रिय चरमपंथी एवं आतंकवादी समूहों के खिलाफ “निर्णायक एवं पुख्ता” कार्रवाई करने तथा तालिबान के साथ शांति वार्ता में सहायक भूमिका निभाने के लिए दबाव बनाएगा। 
क्रिकेटर से नेता बने खान कतर एअरवेज की उड़ान से यहां शनिवार की दोपहर पहुंचे और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान के आधिकारिक निवास में ठहरे हुए हैं। हवाई अड्डे पर खान के स्वागत के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी मौजूद थे। काफी तादाद में वहां मौजूद पाकिस्तानी मूल के अमेरिकियों ने भी उनका स्वागत किया। 
ओवल ऑफिस में आमने-सामने की मुलाकात के साथ ही ट्रंप दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल को सोमवार को व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन पर बुलाएंगे। इसके अलावा वह कैपिटल हिल में सांसदों से मुलाकात करेंगे। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ा है। 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि पाकिस्तान ने “झूठ एवं धोखे” के अलावा हमें कुछ नहीं दिया है। साथ ही ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलने वाली सुरक्षा एवं अन्य सहायता भी यह कहते हुए रोक दी थी कि इससे आतंकवादी समूहों की मदद की जाती है। 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का वादा किया था और कहा था कि वह बहुत अच्छे से जानते हैं कि पाकिस्तान के सहयोग के बिना यह संभव नहीं होगा। दोनों देश के बीच चर्चा के दौरान अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया मुख्य बिंदु हो सकती है। 
प्रधानमंत्री खान के साथ सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी मौजूद रहेंगे। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक ट्रंप और खान आतंकवाद से निपटने, रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 
कुल मिलाकर इस वार्ता का लक्ष्य दक्षिण एशिया को शांतिपूर्ण बनाना और दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी की स्थितियां उत्पन्न करना होगा। अधिकारी ने कहा कि दौरे का मकसद अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान पर सहयोग करने का दवाब बनाना और उसके देश के भीतर सक्रिय चरमपंथियों एवं आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के इसके हालिया प्रयासों को तेज करने एवं जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। 
अधिकारी ने शनिवार को कहा था, “हम पाकिस्तान को संदेश भेजना चाहते हैं कि अगर वह आतंकवादियों एवं चरमपंथियों को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव करे तो रिश्तों में सुधार करने और स्थायी साझेदारी के लिए दरवाजे खुले हैं।” 
मुलाकात के दौरान ट्रंप पाकिस्तान को क्षेत्रीय आर्थिक विकास एवं संपर्क को बढ़ाने के लिए अवसर पैदा करने के बारे में भी प्रोत्साहित करेगा। हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक की अपर्णा पांडे ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और खान के बीच मुलाकात “अमेरिका की व्यापक रणनीति या पाकिस्तान के रणनीतिक समीकरण” को नहीं बदलेगी। 

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