PM मोदी ने राष्ट्रपति रईसी को लेकर जताई चिंता, कहा- ईरान के लोगों के साथ खड़ा है भारत

PM मोदी ने राष्ट्रपति रईसी को लेकर जताई चिंता, कहा- ईरान के लोगों के साथ खड़ा है भारत
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PM Modi Tweet On Ibrahim Raisi : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ले जा रहा हेलिकॉप्टर रविवार (19 मई) को एक हादसे का शिकार हो गया। पूर्वी अजरबैजान में यह दुर्घटना हुई, जिसके बाद वहां रेस्क्यू टीम ने मोर्चा संभाला। इस घटना को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता व्यक्त की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, आज राष्ट्रपति रईसी की हेलीकॉप्टर उड़ान के संबंध में रिपोर्टों से अत्यधिक चिंतित हूं। हम संकट की इस घड़ी में ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं, और राष्ट्रपति और उनके साथियों की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ईरान के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी का हवाला देते हुए बताया कि राष्ट्रपति रईसी को ले जा रहे हेलीकॉप्टरों में से एक ने खराब लैंडिंग की है, बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम और कोहरे के कारण हेलीकॉप्टरों में से एक को हार्ड लैंडिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा। विभिन्न बचाव दल क्षेत्र में जा रहे हैं, लेकिन खराब मौसम और कोहरे के कारण उन्हें हेलीकॉप्टर तक पहुंचने में समय लग सकता है।

मौजूदा जानकारी के मुताबिक, इब्राहिम रईसी ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे। इस बारे में स्टेट टीवी के कहा कि यह घटना ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 600 किलोमीटर (375 मील) उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा पर स्थित शहर जोल्फा के पास हुई। ईरान के स्टेट मीडिया ने बताया कि,इब्राहिम रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रात के गवर्नर और अन्य अधिकारी यात्रा कर रहे थे।

कौन हैं इब्राहिम रईसी

इब्राहिम रईसी (63) एक कट्टरपंथी हैं, जिन्होंने पूर्व में देश की न्यायपालिका का नेतृत्व किया था। उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी के रूप में देखा जाता है और कुछ विश्लेषकों का कहना है कि वह 85 वर्षीय नेता (खामेनेई) की मृत्यु या पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह ले सकते हैं। वह 2017 में अपेक्षाकृत उदारवादी मौलवी हसन रूहानी से राष्ट्रपति पद के चुनाव में हार गए थे। रूहानी राष्ट्रपति के रूप में विश्व शक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते पर पहुंचे थे। वर्ष 2021 में रईसी ने फिर से चुनाव लड़ा जिसमें उनके सभी संभावित प्रमुख विरोधियों को ईरान की जांच प्रणाली के तहत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। उन्हें 2.89 करोड़ मतों में से लगभग 62 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस्लामिक गणराज्य के इतिहास में प्रतिशत के हिसाब से सबसे कम मतदान था।

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