पीटीआई के फवाद चौधरी ने आरोप लगाया कि पीएमएल-एन ने न्यायपालिका के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है और अगले कुछ दिनों में यह सेना के खिलाफ भी बोलना शुरू कर देगी। इसके बाद पीटीआई और पीएमएल-एन के बीच रविवार को जुबानी जंग छिड़ गई । मीडिया रिपोटरें में यह जानकारी दी गई है।
चौधरी ने आगे आरोप लगाया कि पीएमएल-एन को लगता है कि उसने खुद को इमरान खान के खिलाफ प्रतिष्ठान के साथ जोड़कर एक बड़ी गलती की है और अब पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ‘एक प्रतिष्ठान विरोधी बयान को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगी।’ चौधरी ने कहा, ‘इस योजना में दोष यह है कि लोग अब 1990 के दशक के नहीं रहे और प्रतिस्पर्धा इमरान खान के साथ है।’उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन की कार्य योजना इसे देश की राजनीति से ‘पूरी तरह से बाहर’ कर देगी, लेकिन इस प्रक्रिया में ‘संस्थानों को नुकसान होगा।’
उन्होंने कहा, अगर वे अपनी सीमा में रहते, तो ऐसा नहीं होता। लेकिन वैसे भी, पीएमएल-एन अब संस्थानों को निशाना बनाएगी। चौधरी ने कहा, उन्हें प्रतिष्ठान द्वारा अस्तित्व में लाया गया और भाइयों (नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ) ने फैसला किया कि एक प्रतिष्ठान समर्थक राजनीति करेगा, जबकि दूसरा एक प्रतिष्ठान विरोधी नैरेटिव बेचेगा। जब एक नैरेटिव विफल हो गई, तो उन्होंने दूसरे को आगे बढ़ा दिया। यह फार्मूला अगली पीढ़ी को भी हस्तांतरित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले, मरियम नवाज ने कहा था कि पीएमएल-एन पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के एकतरफा फैसलों को स्वीकार नहीं करेगी, क्योंकि उसने फैसला सुनाया था कि पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हमजा शाहबाज सोमवार तक ट्रस्टी सीएम के रूप में काम करेंगे।