इस्लामाबाद : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि उनकी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में आतंकवाद-निरोधक अदालत(एटीसी) के फैसले से संतुष्ट नहीं है। श्रीमती भुट्टो के पति श्री जरदारी ने कल नवाबशाह में ईद की नमाज के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि फैसला सुनाये जाने के दौरान न्यायाधीश आतंकित नजर आ रहे थे।
पाकिस्तान के समाचारपत्र 'डॉन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्री जरदारी ने कहा है कि पार्टी के वकीलों से सलाह-मशविरा करने के बाद एटीसी के फैसले को ऊंची अदालत में चुनौती दी जायेगी और इस पर पुन: गौर करने की अपील की जायेगी। इससे पहले पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा था कि एटीसी का फैसला निराशाजनक और अस्वीकार्य है और पार्टी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी।
श्रीमती भुट्टो की पुत्री असीफा भुट्टो ने कहा, \"हम न्याय की प्रतीक्षा करेंगे।\" एक अन्य ट््वीट में उन्होंने कहा कि जब तक परवेज मुशर्रफ को उनके अपराधों के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जायेगा, न्याय नहीं होगा।\" उन्होंने अपनी बहन बख्तावर की भावनाओं को साझा करते हुये फैसले पर यह कहते हुए असंतोष जताया कि एटीसी ने पुलिसकर्मियों को सजा दी, लेकिन वास्तविक आतंकवादियों को बरी कर दिया जोकि बहुत शर्म की बात है।
एटीसी ने गत गुरुवार को अपने फैसले में दो पुलिस अधिकारियों को 17 साल की सजा दी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के पांच संदिग्धों को दोषमुक्त कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने मामले में परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया है। उल्लेखनीय है कि बेनजीर भुट्टो की 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी में लियाकत बाग के बाहर एक रैली के दौरान बम हमले में मौत हो गयी थी। उस दौरान जनरल मुशर्रफ राष्ट्रपति थे।