लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

नेपाल : आगामी चुनावों का बहिष्कार कर सकते हैं प्रचंड, NCP ने चुनाव को बताया ‘अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक’

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की अगुवाई वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) गुट ने मंगलवार को कहा कि वह अप्रैल और मई के लिए प्रस्तावित चुनावों का बहिष्कार कर सकती है।

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की अगुवाई वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) गुट ने मंगलवार को कहा कि वह अप्रैल और मई के लिए प्रस्तावित चुनावों का बहिष्कार कर सकती है। इसने कहा कि ‘अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक’ चुनाव स्वीकार्य नहीं हैं। प्रचंड ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से नेपाल में लोकतंत्र और संविधान के पक्ष में बोलने का भी आह्वान किया।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि हालांकि चुनावों में भाग लेने के बारे में फैसला किया जाना अभी बाकी है, लेकिन उनका गुट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली ‘अलोकतांत्रिक और अवैध’ सरकार के तहत होने वाले चुनावों पर गंभीरता से विचार करेगा। ओली ने 20 दिसंबर, 2020 को प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया और 30 अप्रैल और 10 मई को चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा है।
ओली के सदन को भंग करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और इसकी सुनवाई चल रही है। एक बार जब शीर्ष अदालत अपना फैसला सुना देगी, तो यह साफ हो जाएगा कि नेपाल चुनावों के साथ आगे बढ़ेगा या नहीं। प्रचंड ने कहा, “हमें सुप्रीम कोर्ट सहित हमारे संस्थानों में विश्वास है। हम ईमानदारी से उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट सदन को भंग करने और चुनाव कराने के ओली के फैसले के पक्ष में निर्णय नहीं देगा।”
गौरतलब है कि प्रचंड ने ओली को एनसीपी अध्यक्ष के पद से हटा दिया और पार्टी की सदस्यता भी छीन ली थी। प्रचंड के नेतृत्व वाला गुट अब एक अलग पार्टी के रूप में काम कर रहा है और उसने दावा किया है कि चुनाव आयोग में यह प्रामाणिक एनसीपी है, हालांकि पार्टी को तकनीकी रूप से विभाजित करना बाकी है। ओली के सदन को भंग करने के कदम के परिणामस्वरूप एनसीप में दरार पड़ गई और प्रचंड और माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व में दूसरे गुट ने इस कदम का विरोध किया।
गुट ने सदन की बहाली की मांग की है और नियोजित चुनावों का विरोध किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के विरोध के बावजूद, ओली सरकार ने सोमवार शाम को पहले चरण में 40 जिलों में और दूसरे चरण में 37 जिलों में घोषित चुनाव कराने का फैसला किया। प्रचंड ने ओली के कदम के पीछे किसी भी तरह के विदेशी कनेक्शन और हस्तक्षेप को नकार दिया।
एक सवाल का जवाब देते हुए कि प्रचंड और उनके गुट ने ओली के कदम के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन लेने की कोशिश क्यों नहीं की, तो प्रचंड ने कहा कि चूंकि वे विभिन्न देशों जैसे भारत, चीन, अमेरिका राजदूतों के साथ बैठक कर रहे हैं, उन्होंने सार्वजनिक रूप से लोकतंत्र के पक्ष में खड़े होने की अपील की है। उन्होंने कहा, “नेपाल में लोकतंत्र की हत्या हुई है और हमने अपनी अलग-अलग बैठकों में विदेशी दूतों को यह बताया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम काठमांडू स्थित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस संबंध में ब्रीफ करेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।