अपनी विस्तारवाद की नीति को लेकर अडिग चीन के खिलाफ काठमांडू में नेपाल डेमोक्रेटिक यूथ एसोसिएशन ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। नेपाल में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने हुमला जिले में अतिक्रमण किया है और नए बाउंड्री पिलर्स बनाए हैं। एसोसिएशन से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने काठमांडू के मैतीघर में विरोध प्रदर्शन किया।
नेपाल के गृह मंत्रालय ने अगस्त में हुमला में भूमि अतिक्रमण की जांच और रिपोर्ट करने के लिए छह सदस्यीय पैनल का गठन किया था। पैनल ने रविवार को गृह मंत्री बाल कृष्ण खड को रिपोर्ट सौंपी। गृह मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त सचिव जय नारायण आचार्य की अध्यक्षता वाले पैनल ने सरकार को चीन के साथ सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए एक संयुक्त निरीक्षण समूह और एक विशेषज्ञ टीम के गठन का सुझाव दिया।
नेपाल सरकार ने संयुक्त सचिव आचार्य द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर कुछ नहीं कहा है। इसी तरह का मुद्दा पिछले साल भी नेपाली मीडिया ने उठाया था लेकिन विदेश मंत्रालय और काठमांडू में चीनी दूतावास ने सीमा पर किसी भी तरह के विवाद से इनकार किया था। उन्होंने लिमी लप्चा से हिलसा तक नेपाल-चीन सीमा का अध्ययन करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की भी मांग की।
डेमोक्रेटिक यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश कुमार झा ने कहा, “सरकार को आचार्य के नेतृत्व वाली रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए।” “नेपाल में चीनी भूमि के अतिक्रमण पर सरकार चुप क्यों है?” झा ने कहा कि चीन में एमबीबीएस करने वाले नेपाली छात्रों को नेपाल में इंटर्नशिप करने का मौका मिलना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां दिखाते हुए लिखा था, “चीन द्वारा अतिक्रमण की गई नेपाली भूमि लौटाओ।” उन्होंने यह भी नारा लगाया कि हुमला जिले में पिलर नंबर 12 को नहीं हटाया जाना चाहिए। युवा संघ ने नेपाल की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने का संकल्प लिया।