बलूचिस्तान में पाकिस्तान के जुल्मों के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली एक्टिविस्ट करीमा बलोच रहस्यमय परिस्थितियों में कनाडा में मृत पाई गईं। उनकी मौत के खिलाफ बलोच समुदाय के लोगों ने वाशिंगटन डीसी में मंगलवार को कनाडाई दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को दिए ज्ञापन में बलोच समुदाय के सदस्यों ने कहा, ‘‘बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर लोग प्रदर्शन कर अपनी नेता करीमा मेहराब के लिए न्याय मांग रहे हैं। समुदाय के लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए हम मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच चाहते हैं। बलोच समुदाय और करीमा के परिवार को कनाडा सरकार से न्याय मिलने की उम्मीद है।’’
बलूचिस्तान प्रांतीय असेंबली के पूर्व अध्यक्ष वहीद बलोच ने कहा कि टोरंटो में करीमा बलोच की ‘‘हत्या राजनीति से प्रेरित’’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने उनकी हत्या की है। वहीद बलोच ने कहा, ‘‘करीमा बलूचिस्तान में कमजोर वर्ग की आवाज थीं। वह पाकिस्तानी सेना और उसकी नीतियों तथा कार्रवाइयों की मुखर आलोचक थीं।’’
सामाजिक कार्यकर्ता नबी बख्श बलोच ने कहा कि करीमा को पाकिस्तान में जान का खतरा था और उन्होंने 2015 में कनाडा में राजनीतिक शरण मांगी थी। कनाडा में रहकर वह बलूचिस्तान के लोगों के लिए लड़ रही थीं। नबी बख्श बलोच ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कनाडा में उन्हें लगातार धमकी भरे संदेश भेज रही थी। वे उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते थे। पाकिस्तान में उनके परिवार को निशाना बनाया गया। उनके रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया, उन्हें हिरासत में प्रताड़ित किया गया और गैरकानूनी रूप से फांसी दे दी गयी।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पाकिस्तानी सेना बलोच नेताओं की हत्या में शामिल हैं। उनकी अचानक मौत हो देखते हुए हम हत्या की आशंका से इनकार नहीं कर सकते हैं।’’