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लंदन में भारत के उच्चायोग के बाहर कृषि कानूनों के खिलाफ हुए प्रदर्शन, कई लोग गिरफ्तार

ब्रिटेन के मध्य लंदन में रविवार को भारतीय उच्चायोग के बाहर भारत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में किए गए प्रदर्शन के दौरान स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया। स्कॉटलैंड यार्ड ने भारतीय उच्चायोग के बाहर ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले चेतावनी दी थी।

मध्य लंदन में “हम पंजाब के किसानों के साथ खड़े हैं'' प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कई पुलिसकर्मी सड़क पर उतरे और चेताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े नियम लागू हैं और अगर 30 से ज्यादा लोग जमा होते हैं तो गिरफ्तारी की जा सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है। मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमांडर पॉल ब्रोगडेन ने कहा, ''अगर आप निर्धारित 30 लोगों से अधिक की संख्या में एकत्र होकर नियम तोड़ते हैं तो आप अपराध कर रहे हैं जो दंडनीय है और जुर्माना लगाया जाएगा।''

उन्होंने लोगों से प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की अपील भी की। प्रदर्शन में मुख्य रूप से ब्रिटिश सिख शामिल थे जो तख्तियां पकड़े हुए थे, जिनपर “किसानों के लिए न्याय'' जैसे संदेश लिखे थे। भारतीय उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह जल्द स्पष्ट हो गया कि लोगों के जमवाड़े की अगुवाई भारत विरोधी अलगाववादी कर रहे थे जिन्होंने भारत में किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने के नाम पर भारत विरोधी अपना एजेंडा चलाया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार प्रदर्शनकारियों से बात कर रही है।

इन प्रदर्शनों में एक गुट खालिस्तान के समर्थकों का भी दिखाई दिया, ऐसी कई तस्वीर ट्विटर पर वायरल हुई है जिनमें कई लोग खालिस्तान का झंडा लेकर अपना विरोध प्रकट करते नज़र आये। सड़कों पर उतरे लोगों का कहना है कि मोदी सरकार को कृषि से जुड़ा काला कानून वापस लेना होगा नहीं तो किसान राजधानी दिल्ली से पीछे नहीं हटने वाले हैं।  खालिस्तान समर्थकों का इन प्रदर्शनों में दिखाई पड़ना कई सवाल खड़े करता है कि क्या लंदन में बैठे लोग वाकई में भारत में लाये गए कृषि कानून के खिलाफ हैं या फिर यह भारत विरोधी खालिस्तान समर्थकों की एक योजना है।