हिंदू पुजारी चिन्मय ब्रह्मचारी की जमानत खारिज पर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगांव में हजारों लोग हिंदू पुजारी चिन्मय ब्रह्मचारी की रिहाई की मांग करते हुए मंगलवार को अदालत परिसर में एकत्र हुए, प्रदर्शनकारियों ने जेल की गाड़ी को तब रोका जब अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी...
हिंदू पुजारी चिन्मय ब्रह्मचारी की जमानत खारिज पर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन
Published on

हजारों अनुयायियों ने जेल की गाड़ी को रोकने के लिए लेट गए

बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगांव में हजारों लोग हिंदू पुजारी चिन्मय ब्रह्मचारी की रिहाई की मांग करते हुए मंगलवार को अदालत परिसर में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों ने जेल की गाड़ी को तब रोका जब अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया।एक स्थानीय रिपोर्टर ने मिडिया को फोन पर बताया, हजारों अनुयायियों ने जेल की गाड़ी को रोकने के लिए लेट गए। चिन्मय के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के एक स्टैंड के शीर्ष पर झंडा फहराने का आरोप लगाया गया है। लेकिन एक अल्पसंख्यक नेता ने कहा कि मामला दर्ज करने वाले व्यक्ति ने अब मामले को जारी रखने से इनकार कर दिया है।

चिन्मय ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त

बांग्लादेश में सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (बीएचबीसीयूसी) ने मंगलवार को चिन्मय ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की। समूह ने अत्याचारों की निंदा की और अंतरिम सरकार से उनकी तत्काल रिहाई का आग्रह किया। बीएचबीसीयूसी के कार्यवाहक महासचिव मनिंद्र कुमार नाथ ने कहा, "हम सोमवार दोपहर ढाका हवाई अड्डे के इलाके से सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता प्रभु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने मिडिया को विशेष रूप से बताया, इस गिरफ्तारी के परिणामस्वरूप, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय छवि को दुनिया में नुकसान पहुंचेगा। मनिंद्र ने कहा, चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी एक हिंदू संत हैं।

हिंदू समुदाय को संगठित कर रहे

वे अल्पसंख्यकों के लिए 8 सूत्री मांगें रखने के लिए हिंदू समुदाय को संगठित कर रहे थे। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के तुरंत बाद अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने राजधानी ढाका सहित पूरे बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन किया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने भी गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि चिन्मय कृष्ण दास विरोध का चेहरा बन गए हैं। उन्होंने एएनआई से कहा, "चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ़्तारी एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। वे बांग्लादेशी विरोध का चेहरा बन गए हैं। पिछले 100 दिनों से भी ज़्यादा समय से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं, उनकी महिलाओं का बलात्कार और अपहरण हो रहा है। इस स्थिति में बांग्लादेशी अल्पसंख्यक एक साथ आए और चिन्मय कृष्ण दास विरोध का चेहरा बन गए।

भगवान कृष्ण और उनकी शिक्षाओं के ज़रिए लोगों के बीच प्रेम

बांग्लादेशी सरकार किसी तरह से अलग-अलग लोगों को दोषी ठहराने की कोशिश कर रही है जो विरोध का चेहरा बन गए हैं... पुलिस ने यह नहीं बताया है कि उन्होंने उन्हें क्यों गिरफ़्तार किया है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी गिरफ़्तारी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस्कॉन एक शांतिपूर्ण संगठन है और आतंकवाद में शामिल नहीं है। उन्होंने मिडिया से कहा, यह एक चिंताजनक मामला है। इस्कॉन एक शांतिपूर्ण संगठन है। यह भगवान कृष्ण और उनकी शिक्षाओं के ज़रिए लोगों के बीच प्रेम फैलाता है... ऐसा संगठन और ऐसे संगठन से जुड़े लोग कभी भी किसी आतंकवाद में शामिल नहीं हो सकते अगर कोई अपने समुदाय और लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कहता है, तो उस पर देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी Subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com