पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अध्यक्ष को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के वैधानिक मामले को पेश किया। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि पत्र के साथ विस्तृत तथ्यात्मक दस्तावेज और अनुलग्नक संलग्न हैं जो पांच अगस्त को ‘‘अवैध, एकतरफा और दमनात्मक’’ भारतीय कार्रवाई को उजागर करते हैं।
भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर रहा है लेकिन भारत का कहना है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका ‘‘अंदरूनी मामला’’ है। नयी दिल्ली ने इस्लामाबाद से कहा है कि हकीकत को स्वीकार करे और भारत विरोधी बयान बंद करे।
कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अध्यक्ष वासिली नेबेन्जया को लिखे पत्र में कहा कि भारत की कारईवाई का उद्देश्य कश्मीर में ‘‘जनसांख्यिकीय स्थिति में बदलाव’’ लाना है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पत्र के माध्यम से न केवल कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराना है बल्कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर इसके व्यापक रुख को पेश करना भी है।