ईरान के साथ परमाणु सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्य देश रविवार को विएना में मिलेंगे और अमेरिका के इस करार से अलग होने के बाद इस समझौते को बचाए रखने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। यह बैठक ईरान और अमेरिका में बढ़ते तनाव के बीच हो रही है। ब्रिटेन, जर्मनी, चीन, रूस और ईरान के दूत बैठक में हिस्सा लेंगे।
इससे करीब एक महीने पहले भी ऐसी ही बैठक हुई थी लेकिन उसमें गतिरोध दूर नहीं हो सका था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पिछले साल इस ऐतिहासिक करार से अलग होने और ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। इस करार का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाना था।
अमेरिकी कार्रवाई के जवाब में ईरान ने मई में कहा था कि वह करार में उसके परमाणु कार्यक्रमों के लिये तय की गई कुछ सीमाओं का उल्लंघन करेगा और कहा था कि अगर करार में शामिल अन्य देश, खासकर यूरोपीय राष्ट्र अमेरिकी प्रतिबंधों से निपटने में उसकी मदद नहीं करते हैं तो वह दूसरे उपाय करेगा। टैंकर और ड्रोन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं के कारण क्षेत्र में दबाव काफी बढ़ रहा है।
अमेरिका ने कहा था कि उसने पिछले हफ्ते एक, और संभवत: दो ईरानी ड्रोनों को मार गिराया है और रणनीतिक खाड़ी समुद्री क्षेत्र में टैंकरों और जहाजों पर हो रहे रहस्यमयी हमलों के लिये तेहरान पर आरोप लगाया था। ईरान ने जून में एक मानवरहित अमेरिकी विमान को मार गिराया था जिसके बाद ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने आखिरी मिनटों में एक जवाबी कार्रवाई को रोक दिया क्योंकि इससे होने वाली जनहानि बहुत ज्यादा होती।