लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

रिपोर्ट का दावा- ‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक से बनती है अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता

विशेषज्ञों ने दावा किया कि यह वेरिएंट सबसे अधिक खतरनाक है कि जिस पर वैक्सीन भी असर नहीं करती है। इस बीच कोविड-19 रोधी टीके ‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है।

दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर बरकरार है। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट का खौफ पूरी दुनिया में है। इसी वेरिएंट के फैलाव के डर से कई देशों में कोरोना प्रतिबंध लौट आए हैं। विशेषज्ञों ने दावा किया कि यह वेरिएंट सबसे अधिक खतरनाक है कि जिस पर वैक्सीन भी असर नहीं करती है। इस बीच कोविड-19 रोधी टीके ‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण ही कोविड-19 होता है।
‘स्पुतनिक-वी’ की दो खुराकों के कोविड-19 के खिलाफ 92 प्रतिशत रोग प्रतिरोधक क्षमता
इससे पहले एक अध्ययन में ‘स्पुतनिक-वी’ की दो खुराकों के कोविड-19 के खिलाफ 92 प्रतिशत रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने की बात सामने आई थी। ‘स्पुतनिक-वी’ का निर्माण दो ‘एडिनोवायरस’ को मिलाकर किया गया है। ये ऐसे वायरस हैं, जो सर्दी, बुखार और गले में खराश के साथ कई तरह की बीमारी का कारण बनते हैं।
क्या टीके की एक खुराक, दो खुराकों की तुलना में जन स्वास्थ्य को अधिक फायदा पहुंचा सकती
पत्रिका ‘सेल रिपोर्ट मेडिसिन’ में मंगलवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या टीके की एक खुराक, दो खुराकों की तुलना में जन स्वास्थ्य को अधिक फायदा पहुंचा सकती है, जिससे की बड़ी आबादी को जल्द से जल्द टीके लगाए जा सकें।
टीकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े संकलित करने की तत्काल आवश्यकता
इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक एवं अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स के ‘फंडेसियन इंस्टीट्यूटो लेलोइर-कॉनिकेट’ के एंड्रिया गामार्निक ने कहा, ‘‘ दुनिया के कई क्षेत्रों में सीमित टीके की आपूर्ति और असमान टीके वितरण के कारण, स्वास्थ्य अधिकारियों को टीकाकरण रणनीतियों को अनुकूलित करने के लिए टीकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े संकलित करने की तत्काल आवश्यकता है।
‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक और दो खुराक की सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता की तुलना
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे द्वारा प्रस्तुत सहकर्मी-समीक्षा आंकड़े वर्तमान वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य निर्णयों का मार्गदर्शन करने के लिए जानकारी प्रदान करते हैं।’’ शोधकर्ताओं ने नए अध्ययन में 289 स्वास्थ्यकर्मियों पर ‘स्पुतनिक-वी’ की एक खुराक और दो खुराक की सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता की तुलना की।
कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए वायरस की क्षमता में हस्तक्षेप करते हैं
पहली खुराक के बाद, इन प्रतिभागियों में से 94 प्रतिशत में वायरस के खिलाफ ‘इम्युनोग्लोबुलिन जी (आईजीजी) एंटीबॉडी’ विकसित हुई और 90 प्रतिशत ने ‘एंटीबॉडी’ को निष्क्रिय करने के सबूत दिखाए, जो कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए वायरस की क्षमता में हस्तक्षेप करते हैं।
पहले से संक्रमितों में ‘एंटीबॉडी’ को निष्क्रिय करने के उत्पादन में वृद्धि नहीं की
अनुसंधान ने पाया कि पहले से संक्रमित प्रतिभागियों में आईजीजी और ‘न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी’ का स्तर एक खुराक के बाद उन लोगों की तुलना में काफी अधिक था, जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ था। वहीं, दूसरी खुराक ने पहले से संक्रमितों में ‘एंटीबॉडी’ को निष्क्रिय करने के उत्पादन में वृद्धि नहीं की। उन्होंने कहा कि इन लोगों को एक खुराक के बाद उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर, दूसरी खुराक देरी से लगाए जाने का प्रशासन को सुझाव देता है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द टीके लग सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।