पाकिस्तान के बाद आर्थिक संकट मिस्र में आ खड़ा हुआ है। मिस्र पर विदेशी कर्ज लगातार बढ़ता ही जा रहा है और ऐसे में मिस्र की मदद करने के लिए भारत आगे आया है, हैरान कर देने वाली बात ये यही कि मिस्र की मदद कोई भी मुस्लिम देश नहीं कर रहा है। सब मिस्र से पीछा छुड़वा रहे है, ऐसे में भारत का मिस्र का हाथ थामना काफी चौका देने वाला है। देखा जाये तो मिस्र खाड़ी देशों का प्रिय हुआ करता था लेकिन अब इसे संकट में देख ये देश इससे किनारा कर रहे हैं। बता दें मिस्र गंभीर आर्थिक संकट में है। ऐसे में भारत ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।
गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति को अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा
मिस्र जोकि खाड़ी देशों के बीच अपनी अच्छी पकड़ रखता था, इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मिस्र की मुद्रा पाउंड पिछले साल मार्च में अपना मूल्य आधा खो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक देश पर बाहरी कर्ज बढ़कर करीब 170 अरब डॉलर हो गया है। ऐसे में मिस्र की मदद करने वाले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत आदि देश इससे छुटकारा पा रहे हैं। परन्तु भारत ने मिस्र को लेकर अपना दिल बढ़ा लिया है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र को आमंत्रित कर रहा है।
भारत अपने 'गणतंत्र दिवस' के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति 'अब्देल फत्ताह अल-सिसी' को आमं
त्रित कर रहा है। राष्ट्रपति के साथ 120 सदस्यों का एक दल होगा जो 26 जनवरी को परेड में कर्तव्य पथ पर मार्च करेगा। देखा जाए तो भारत चाहता तो किसी भी देश में राष्ट्रपति को आमंत्रित कर सकता था लेकिन भारत ने सबको छोड़ मिस्र के राष्ट्रपति को भारत के मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया है।