व्हाइट हाउस ने कहा है कि रूस, सीरिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों के नाम पर निर्दोष नागरिकों को मार रहा है, जहां दमिश्क के नजदीक के एक इलाके में सरकारी सेना और विद्रोहियों के बीच संघर्ष की वजह से आम लोग फंस गए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 30 दिन के संघर्ष विराम के प्रस्ताव के बावजूद, दमिश्क के पास पूर्वी घौता में सीरियाई और रूसी विमान गोलीबारी और गोलाबारी कर रहे हैं।
पूर्वी घौता, दमिश्क के बाहरी इलाके में विद्रोहियों के कब्जे वाला क्षेत्र है। 18 फरवरी से हो रहे हमले के बाद अबतक यहां 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सैंडर्स ने एक बयान में रविवार को कहा, ‘रूस ने शर्तो का उल्लंघन किया है और आतंकरोधी झूठे अभियानों के नाम पर निर्दोष नागरिकों को मार रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘यह रूस और सीरिया द्वारा उसी तरह के झूठ और अंधाधुंध ताकत का संयोजन है जो उन्होंने वर्ष 2016 में अलेप्पो को अलग-थलग और बर्बाद करने के लिए किया था, जिसमें हजारों नागरिक मारे गए थे।’
सैंडर्स ने सीरिया में बिगड़ते हालात के लिए मॉस्को के साथ-साथ तेहरान को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘रूस और ईरान के समर्थन से असद सरकार द्वारा पूर्वी घौता में आम लोगों के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियान की अमेरिका निंदा करता है।’ इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने सीरिया के बारे में बातचीत की और दोनों ने माना कि वहां ‘मानवीय आपदा’ के हालात हैं और इसकी वजह सीरिया और रूस हैं।
थेरेसा मे के कार्यालय ने यह जानकारी दी है। कार्यालय के अनुसार, ‘दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि रूस और ऐसे अन्य देश, जिनका सीरियाई सरकार पर प्रभाव है, वे हिंसा के अभियान को बंद कराने और नागरिकों की रक्षा के लिए सीरिया सरकार पर दबाव डालें।’
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